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कर्नाटक हाई कोर्ट ने गाजियाबाद हमले के मामले में ट्विटर के एमडी मनीष माहेश्वरी के खिलाफ नोटिस रद किया

अदालत ने कहा कि अगर उत्तर प्रदेश पुलिस को माहेश्वरी से पूछताछ करने की जरूरत है तो वे उसके कार्यालय के पते पर या वर्चुअल रूप से भी ऐसा कर सकते हैं। अदालत ने कहा 41 ए के तहत नोटिस दुर्भावनापूर्ण प्रतीत होता है।

By Nitin AroraEdited By: Published: Fri, 23 Jul 2021 04:10 PM (IST)Updated: Fri, 23 Jul 2021 04:10 PM (IST)
कर्नाटक हाई कोर्ट ने गाजियाबाद हमले के मामले में ट्विटर के एमडी मनीष माहेश्वरी के खिलाफ नोटिस रद किया
कर्नाटक हाई कोर्ट ने गाजियाबाद हमले के एक मामले में ट्विटर के एमडी मनीष माहेश्वरी के खिलाफ नोटिस रद किया

बेंगलुरु, पीटीआइ। कर्नाटक हाई कोर्ट ने गाजियाबाद में एक बुजुर्ग व्यक्ति पर हमले से संबंधित एक वीडियो के संबंध में सीआरपीसी की धारा 41 ए के तहत ट्विटर इंडिया के एमडी मनीष माहेश्वरी को यूपी पुलिस के नोटिस को खारिज कर दिया। कोर्ट ने पुलिस को वर्चुअल मोड के माध्यम से या व्यक्ति के कार्यालय/घर पर जाकर बयान दर्ज करने की अनुमति दी। गाजियाबाद पुलिस द्वारा लोनी में एक मुस्लिम व्यक्ति पर हमले के संबंध में ट्विटर के प्रबंध निदेशक मनीष माहेश्वरी के खिलाफ नोटिस जारी किया था, जिसे अब शुक्रवार को उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया।

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अदालत ने कहा कि अगर उत्तर प्रदेश पुलिस को माहेश्वरी से पूछताछ करने की जरूरत है, तो वे उसके कार्यालय के पते पर या वर्चुअल रूप से भी ऐसा कर सकते हैं। कहा कि सीआरपीसी की धारा 41 ए के तहत जारी नोटिस को धारा 160 के तहत जारी किया गया माना जा सकता है। अदालत ने कहा,' 41 ए के तहत नोटिस दुर्भावनापूर्ण प्रतीत होता है।'

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अदालत ने इस मामले पर पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए। कहा, 'यह न केवल सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध जानकारी प्राप्त करने में पुलिस की विफलता है, बल्कि मामले के गुणों के बारे में अशुभ चुप्पी और केवल क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र के विषय पर अदालत को मनाने का प्रयास है।' बता दें कि पिछली सुनवाई के दौरान जस्टिस जी. नरेंद्र ने कहा था कि वह पुलिस के क्षेत्राधिकार के संबंध में उद्धरणों का विस्तार से अध्ययन करेंगे।

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश की गाजियाबाद पुलिस ने 21 जून को दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 41-ए के तहत माहेश्वरी को नोटिस जारी करते हुए 24 जून को लोनी बार्डर थाने में सुबह साढ़े दस बजे उपस्थित होने को कहा था। चूंकि माहेश्वरी बेंगलुरु में रहते हैं, इसलिए उन्होंने नोटिस को कनार्टक हाई कोर्ट में चुनौती दी है। 24 जून को हाई कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में गाजियाबाद पुलिस को माहेश्वरी के खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्रवाई से रोक दिया था।

गाजियाबाद पुलिस ने 15 जून ट्विटर इंक, ट्विटर इंडिया व अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। सभी पर उस वीडियो को प्रसारित करने का आरोप है, जिसमें कथित तौर पर पांच जून को अब्दुल समद सैफी नामक बुजुर्ग को कुछ युवकों ने पीटा था और जय श्रीराम कहने के लिए मजबूर किया था। पुलिस का आरोप है कि वीडियो प्रसारित किए जाने से सांप्रदायिक सौहार्द प्रभावित हुआ।


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