कर्नाटक हाई कोर्ट ने खारिज की अजीम प्रेमजी की याचिका, जानिए क्या है पूरा मामला
चेन्नई की एक कंपनी इंडिया अवेक फॉर ट्रांसपेरेंसी की शिकायत पर जिला अदालत ने प्रेमजी उनकी पत्नी और तीन अन्य को समन जारी किया है।
बेंगलुरु, प्रेट्र। कर्नाटक हाई कोर्ट ने विप्रो लिमिटेड के संस्थापक अजीम प्रेमजी, उनकी पत्नी और तीन अन्य लोगों द्वारा दायर एक याचिका को खारिज कर दिया है। इसमें उन्होंने जिला अदालत द्वारा 27 जनवरी को आपराधिक मामलों के सिलसिले में जारी समन को रद करने की मांग की थी।
यह मामला तीन कंपनियों द्वारा एक निजी ट्रस्ट और नवगठित कंपनी में 45,000 करोड़ रुपये की संपत्ति हस्तांतरित करने से संबंधित है। विप्रो ने कहा कि मामला चूंकि उप-न्यायिक है, इसीलिए वह इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेगा और प्रमोटर ग्रुप उचित कानूनी कार्रवाई करेगा।
पत्नी समेत तीन अन्य को जारी किया समन
चेन्नई की एक कंपनी इंडिया अवेक फॉर ट्रांसपेरेंसी की शिकायत पर जिला अदालत ने प्रेमजी, उनकी पत्नी और तीन अन्य को समन जारी किया है। प्रेमजी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस जॉन माइकल कुन्हा ने कहा कि उन्हें दिए गए आदेश में हस्तक्षेप का कोई न्यायिक आधार नहीं मिला और उन्होंने याचिका खारिज कर दी।
ओराप है कि उपरोक्त तीन व्यक्तियों को तीन कंनियों की सम्पत्ति अमानत के तौर पर संभालने को दी गयी थी। इन लोगों ने इन कंपनियों की 13,600 करोड़ रुपये की सम्पत्ति 2010-12 के बीच पहले और दूसरे आरोपी द्वारा बनाए गए एक निजी न्यास को स्थानांतरित कर दिया।