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कर्नाटक सरकार ने 7वीं कक्षा की किताब से टीपू सुल्तान और हैदर अली के अध्याय हटाने पर मचे बवाल के बाद प्रस्ताव किया स्थगित

टीपू सुल्तान पर कर्नाटक में मचे बवाल के बाद अब राज्य सरकार ने 7वीं कक्षा की किताब से उनके चैप्टर हटाने के प्रस्ताव को फिलहाल स्थागित कर दिया है।

By Pooja SinghEdited By: Published: Thu, 30 Jul 2020 12:09 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jul 2020 12:09 PM (IST)
कर्नाटक सरकार ने 7वीं कक्षा की किताब से टीपू सुल्तान और हैदर अली के अध्याय हटाने पर मचे बवाल के बाद प्रस्ताव किया स्थगित
कर्नाटक सरकार ने 7वीं कक्षा की किताब से टीपू सुल्तान और हैदर अली के अध्याय हटाने पर मचे बवाल के बाद प्रस्ताव किया स्थगित

बेंगलुरु, पीटीआइ। कर्नाटक सरकार ने भारी विरोध के बाद सामाजिक विज्ञान की पाठ्य पुस्तकों से कक्षा 1 से 10 के छात्रों के लिए पाठ्यक्रम में इस्लाम, ईसाई धर्म, टीपू सुल्तान और उनके पिता हैदर अली के चैप्टर को हटाने के विवादास्पद प्रस्ताव को फिलहाल रोक दिया है।

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दरअसल, COVID-19 महामारी का हवाला देते हुए इस साल राज्य सरकार ने कक्षा सातवीं की सामाजिक विज्ञान के चैप्टर से 18 वीं शताब्दी के मैसूर के विवादस्पद शासक टीपू सुल्तान और उनके पिता हैदर अली खान का अध्याय हटाने का फैसला किया था। दरअसल, कोरोना काल में 2020-21 के सिलेब्स को कम करने के लिए यह निर्णय लिया गया था, लेकिन राज्य में इस फैसले के खिलाफ विरोध शुरू हो गया था। भारी विरोध के बाद सरकार को इस फैसले को रोकने पर मजबूर होना पड़ा।

राज्य के शिक्षा मंत्री ऑफिस की तरफ से भी इस संबंध में बयान जारी हुआ, जिसमें कहा गया कि, 'प्राथमिक और उच्च शिक्षा मंत्री के निर्देश पर रिवाइज्ड सिलेबस पर घोषणा पर अस्थायी रोक लगा दी गई है। समीक्षा के बाद इस संबंध में नई घोषणा की जाएगी। 

नए पाठ्यक्रम को पीपीटी द्वारा जारी किया था

बता दें कि कक्षा 7 की किताब में हैदर अली और टीपू सुल्तान का चैप्टर शामिल था, लेकिन वेबसाइट पर अपलोड किए गए नए पाठ्यक्रम से दोनों चैप्टर गायब होने की खबरें इन दिनों मीडिया रिपोर्ट में चली थी। नए पाठ्यक्रम में पीपीटी के जरिए विषयों को बताने का दावा किया था। वहीं चैप्टर-5 से मैसूर के वाडियार हटाने का भी राज्य सरकार पर आरोप लगा था। 

केटीबीएस के निर्देशक ने दी थी सफाई

इस मामले में केटीबीएस के निर्देशक मेड ग्वाडा ने कहा था कि हमने हैदर अली और टीपू सुल्तान के चैप्टर हटाया है। पाठ्यक्रम में जो बदलाव किए गए हैं वह वे विशेषज्ञों ने किए हैं। हम विशेषज्ञों के काम में हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं। यहां तक कि हम उनके काम में कोई विशेष टिप्पणी या सुझाव भी नहीं दे सकते हैं। 


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