कर्नाटक: कांग्रेस सांसद डीके सुरेश और राज्य मंत्री डा सीएन अश्वथ नारायण के बीच मंच पर हुआ जमकर बवाल, देखें VIDEO
यह कार्यक्रम सरकार द्वारा डा बी आर अंबेडकर और बेंगलुरु के संस्थापक केम्पेगौड़ा की प्रतिमाओं का अनावरण करने के लिए आयोजित किया गया था। बसवराज बोम्मई भी मंच पर थे। मुख्यमंत्री के रूप में यह बोम्मई की पहली रामनगर यात्रा थी।
रामनगर, एएनआइ। कर्नाटक के आईटी / बीटी मंत्री सी एन अश्वथ नारायण और कांग्रेस के बैंगलोर ग्रामीण सांसद डी के सुरेश सोमवार को रामनगर में एक कार्यक्रम के दौरान मंच पर आमने-सामने आ गए। यह घटना तब हुई जब मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई भी मंच पर थे।
यह कार्यक्रम सरकार द्वारा डा बी आर अंबेडकर और बेंगलुरु के संस्थापक केम्पेगौड़ा की प्रतिमाओं का अनावरण करने के लिए आयोजित किया गया था। मुख्यमंत्री के रूप में यह बोम्मई की पहली रामनगर यात्रा थी।
दोनों में झगड़े की वीडियो सामने आई है, जिसमें जब सुरेश ने नारायण के आक्रामक भाषण पर आपत्ति जताई तो चीजें नियंत्रण से बाहर हो गईं। सुरक्षाकर्मियों के बीच-बचाव करने पर कांग्रेस सांसद ने नारायण पर आक्रामक रुख अपनाया। सुरेश के साथ कांग्रेस के बैंगलोर ग्रामीण एमएलसी एस रवि भी शामिल हो गए, जिन्होंने नारायण को बोलने से रोकने के लिए माइक फेंकने की भी कोशिश की। इसके बाद कर्नाटक से कांग्रेस के एकमात्र लोकसभा सांसद सुरेश विरोध में मंच पर बैठ गए।
वोक्कालिगा बहुल रामनगर जिला जहां कांग्रेस और जद (एस) मुख्य पार्टी हैं, जो भाजपा के निशाने पर है। अपने भाषण के दौरान, नारायण ने कांग्रेस नेताओं पर हमले किए और भाजपा सरकार की उपलब्धियों को सूचीबद्ध किया। नारायण ने कहा, 'सिर्फ वोट मिल रहे हैं, लेकिन कुछ नहीं कर रहे... हम यहां ऐसा करने के लिए नहीं हैं। हम यहां रामनगर के लोगों का विकास करने आए हैं। हम ऐसे लोग नहीं हैं जो किसी की जमीन पर हाथ रख दें।' ऐसे में विकास के तमाम मुद्दों पर दोनों पार्टी के नेता आमने-सामने आ गए।
#WATCH | Karnataka: Congress MP DK Suresh and State Minister Dr CN Ashwathnarayan entered into an altercation on stage over some development works, in presence of CM Basavaraj Bommai at an event in Ramanagara today pic.twitter.com/83YuuBhN8o— ANI (@ANI) January 3, 2022
कर्नाटक भाजपा ने भी इस घटना की वीडियो जारी की और कहा, ' कांग्रेस की संस्कृति गुंडे संस्कृति है। हमें किसी अन्य उदाहरण की आवश्यकता नहीं है। विडंबना यह है कि एक सांसद को राज्य के मुख्यमंत्री के मंच पर होने के बावजूद व्यवहार करना नहीं आता। यह निंदनीय है कि कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता यता राजा तथा प्रजा की तरह काम कर रहे हैं।'