Move to Jagran APP

कर्नाटक बैंक में चार कर्ज खातों में 285 करोड़ की धोखाधड़ी, आरबीआइ को दी गई जानकारी

निजी क्षेत्र के कर्नाटक बैंक (Karnataka Bank) ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को बताया है कि उसके चार कर्ज खातों में 285 करोड़ रुपये से अधिक की गड़बड़ी सामने आई है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 06 Jun 2020 04:44 PM (IST)Updated: Sat, 06 Jun 2020 08:30 PM (IST)
कर्नाटक बैंक में चार कर्ज खातों में 285 करोड़ की धोखाधड़ी, आरबीआइ को दी गई जानकारी
कर्नाटक बैंक में चार कर्ज खातों में 285 करोड़ की धोखाधड़ी, आरबीआइ को दी गई जानकारी

नई दिल्ली, पीटीआइ। निजी क्षेत्र के कर्नाटक बैंक (Karnataka Bank) ने अपने चार कर्ज खातों में 285 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की जानकारी रिजर्व बैंक (RBI) को दी है। बैंक की ओर से आरबीआइ को दी गई जानकारी के मुताबिक, उसके डीएचएफएल सहित चार इकाइयों के खाते कथ‍ित तौर पर गैर निष्पादित आस्ति यानी एनपीए हो गए हैं। कर्नाटक बैंक ने एक नियामक फाइलिंग (regulatory filing) में बताया है कि कुल 285.52 करोड़ रुपये की कर्ज धोखाधड़ी सामने आई है।

loksabha election banner

समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक, साल 2009 से 2014 के दौरान लेंडर्स कंर्सोटियम में दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन (Dewan Housing Finance Corporation Ltd, DHFL), रेलिगेयर फिनवेस्ट (Religare Finvest), फेडर्स इलेक्ट्रिक एवं इंजीनियरिंग लि. (, Fedders Electric and Engineering Ltd) एवं लील इलेक्ट्रिकल्स (Leel Electricals Ltd) शामिल थे। बैंक की ओर से दी गई जानकारी में कहा गया है कि सबसे अधिक 180.13 करोड़ रुपये का कर्ज डीएचएफएल पर बकाया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि रेलिगेयर फिनवेस्ट पर 43.44 करोड़ रुपये, फेडर्स इलेक्ट्रिक पर 41.30 करोड़ रुपये और लील इलेक्ट्रिकल्स पर 20.65 करोड़ रुपये बाकी हैं। बैंक ने कहा कि डीएचएफएल उसके साथ साल 2014 से जुड़ी है। DHFL ने लेंडर्स कंर्सोटियम की व्यवस्था के तहत कई ऋण सहूलियतें ली हैं। हम इस कंर्सोटियम में सदस्य बैंक हैं। बैंक ने कहा कि कंपनी के खाते को 30 अक्टूबर 2019 को एनपीए घोषित किया गया।

अब बैंक से कुल 180.13 करोड़ रुपये की गड़बड़ी के बारे में रिजर्व बैंक को बताया गया है। इसी तरह रेलिगेयर इन्वेस्ट भी साल 2014 से बैंक से जुड़ी है और उसने भी कर्ज सुविधाएं ली हैं। गठजोड़ के सदस्य द्वारा कंपनी के खाते को अक्टूबर 2019 में एनपीए घोषित किए जाने के बाद बैंक ने आरबीआइ को उक्‍त जानकारी दी है। रेलिगेयर इन्वेस्ट पर 43.44 करोड़ रुपये बाकी हैं। इसी तरह लील इलेक्ट्रिकल्स के खाते को मार्च 2019 में एनपीए घोषित किया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.