Move to Jagran APP

कारगिल विजय दिवस : शहीदों के बलिदान को याद कर रहा है पूरा देश

कारगिल की चोटी पर पाकिस्तानी सेना को परस्त कर तिरंगा लहराने वाले हमारे वीर जवानों को आज पूरा देश याद कर रहा है।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Thu, 26 Jul 2018 09:29 AM (IST)Updated: Thu, 26 Jul 2018 10:36 AM (IST)
कारगिल विजय दिवस : शहीदों के बलिदान को याद कर रहा है पूरा देश
कारगिल विजय दिवस : शहीदों के बलिदान को याद कर रहा है पूरा देश

नई दिल्ली (जेएनएन)। कारगिल की चोटी पर पाकिस्तानी सेना को परस्त कर तिरंगा लहराने वाले हमारे वीर जवानों को आज पूरा देश याद कर रहा है। 1999 में दुश्मन देश को धूल जटाकर अपने प्राण न्योछावर करने वाले शहीदों की याद में पूरा देश कारगिल विजय दिवस माना रहा है।द्रास वॉर मेमोरियल में लोगों ने 1999 के कारिगल युद्ध में शहीद जवानों को श्रृद्धांजलि अर्पित की। आज उनके साहस व बलिदान की गाथा को याद किया जा रहा है।

loksabha election banner

शहीदों को श्रद्धाजंलि

पीएम मोदी ने कारगिल विजय दिवस के अवसर पर शहीदों को याद करते हुए ट्वीट कर लिखा, 'कारगिल विजय दिवस पर राष्ट्र उन लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है, जिन्होंने ऑपरेशन विजय के दौरान देश की सेवा की। हमारे बहादुर सैनिकों ने यह सुनिश्चित किया कि भारत सुरक्षित रहे और शांति के माहौल को खराब करने की कोशिश करने वालों को उचित उत्तर दिया।'

उन्होंने अटल जी का जिक्र करते हुए कहा, 'ऑपरेशन विजय के दौरान अटल जी द्वारा प्रदान किए गए उत्कृष्ट राजनीतिक नेतृत्व को भारत हमेशा गर्व के साथ याद रखेगा। उन्होंने आगे से नेतृत्व किया, हमारे सशस्त्र बलों का समर्थन किया और विश्व स्तर पर भारत के स्टैंड को स्पष्ट किया।'

विजय दिवस पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर शहीदों को याद किया। उन्होंने कहा, 'कारगिल विजय दिवस पर हम उन सभी सैनिकों के साहस और सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं, जो 1999 में बहादुरी से लड़े। हर भारतीय को उनकी वीरता और साहस पर गर्व है।' 

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी ट्वीट कर कहा, 'कारगिल विजय दिवस पर हमारे सशस्त्र बलों के साहस, बहादुरी और त्याग का जश्न मानते हैं। हम सैनिकों के लिए हमेशा ऋणी रहेंगे, जिन्होंने हमारे राष्ट्र की अखंडता और संप्रभुता को संरक्षित किया है।

कैप्टन सौरभ कालिया के साथ पाक सेना की दरिंदगी

कारगिल विजय दिवस पर अपने बेटे कैप्टन सौरभ कालिया की मौत पर उनके पिता एन के कालिया ने कहा, 'तत्कालीन पीएम, रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री ने इस मामले पर (पाकिस्तान में बंदी बनाने के दौरान हुई मौत पर) ध्यान देने का आश्वासन दिया था। उन्होंने कहा था कि इस मामले में पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बातचीत होगी लेकिन अब तक कुछ नहीं किया गया है।'

क्या हुआ था कैप्टन कालिया के साथ

जब भी कारगिल युद्ध की बात होती है, तो कैप्टन सौरभ कालिया का नाम सबसे पहले गूंजता है। कैप्टन सौरभ कालिया ने कारगिल में पाकिस्तानी सैनिकों की बड़ी घुसपैठ का सामना किया था। 5 मई, 1999 को कैप्टन कालिया और उनके 5 साथियों को पाकिस्तानी सैनिकों ने बंदी बना लिया था। 20 दिन बाद वहां से भारतीय जवानों के शव वापस आए। लेकिन अटॉप्सी रिपोर्ट सामने आई, तो पूरा देश में नाराजगी थी, जिसमें पता चला कि भारतीय जवानों के साथ पाकिस्तान ने बेरहमी की गई। उन्हें सिगरेट से जलाया गया था और उनके कानों में लोहे की सुलगती छड़ें घुसेड़ी गई थीं। सौरभ कालिया के साथ उनके पांच साथी नरेश सिंह, भीखा राम, बनवारी लाल, मूला राम और अर्जुन राम भी थे। ये सभी काकसर की बजरंग पोस्ट पर गश्त लगा रहे थे, जब ये दुश्मन के हाथों पकड़े गए।

कारगिल विजय दिवस

आज से 18 साल पहले भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल का युद्ध लड़ा गया था। लगभग दो महीने तक चले इस युद्ध में दोनों देशों के कई सैनिक मारे गए थे और आज के दिन यानी 26 जुलाई, 1999 में भारत ने कारगिल की जंग जीत ली थी, तभी से इस दिन को कारगिल विजय दिवस के रूम में मनाया जा रहा है। कारगिल की दुर्गम चोटियों में लड़े गए युद्ध में पाकिस्तान को करारी मात देते हुए भारतीय सेना के 527 जवानों, अधिकारियों ने वीरगति पाई थी। इनमें 71 जम्मू कश्मीर से थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.