14 वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता को गर्भपात की अनुमति, केरल हाई कोर्ट ने कहा- उसके लिए स्थिति मुश्किल
जस्टिस एके जयशंकरन नामबियार और शाजी पी चाली की बेंच ने इस मामले की वीडियो कोंफ्रेंसिग के जरिए सुनवाई की। बेंच ने इसे पीड़िता के लिए मुश्किल स्थिति बताते हुए यह फैसला सुनाया है।
तिरुवनंतपुरम, एएनआइ। केरल उच्च न्यायालय ने 14 साल की दुष्कर्म पीड़िता को गर्भपात कराने की अनुमति दे दी है। हाई कोर्ट नें इस मामले में सुनवाई के दौरान किशोरी को 24 हफ्तों का गर्भ गिराने की अनुमति दे दी है। जस्टिस एके जयशंकरन नामबियार और शाजी पी चाली की बेंच ने इस मामले की वीडियो कोंफ्रेंसिग के जरिए सुनवाई की। बेंच ने इसे पीड़िता के लिए मुश्किल स्थिति बताते हुए यह फैसला सुनाया है।
बता दें कि केरल में 14 वर्षीय एक दुष्कर्म पीड़िता ने याचिका दाखिल कर हाईकोर्ट से गर्भपात कराने की अनुमति मांगी थी। इस नाबालिग के पेट में 24 हफ्तों का गर्भ था। हाईकोर्ट ने आज उसकी याचिका पर सुनवाई कर उसे गर्भपात की अनुमति दे दी है और कहा कि यह समय उसके लिए काफी मुश्किल है। कोरोना वायरस के चलते सभी राज्यों में लॉकडाउन है इसलिए कोर्ट ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मामले की सुनवाई की। इसी तरह ज्यादातर सराकरी काम काज जैसे कोर्ट की सुनवाई, मीटिंग वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ही की जा रही हैं।
बताया जाता है कि 14 साल की नाबालिग के साथ दरिंदगी से यह घटना हुई थी, जिसके बाद लापता पांच महीने बाद मिली थी। पीड़िता के पिता ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर गर्भापत की अनुमति मांगी थी। जब यह याचिका दाखिल की गई थी नाबालिग के पेट में 20 सप्ताह का गर्भ था। इस मामले में पुलिस ने एक शख्स को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद उसे पॉक्सो और आईपीसी की संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था।