तीन तलाक : कपिल सिब्बल ने फैसले का स्वागत किया
कपिल सिब्बल ने तीन तलाक पर कहा फैसला पर्सनल लॉ की हिफाजत करता है और साथ ही एकदम से तलाक देने की प्रथा की निंदा करता है।
जेएनएन, नई दिल्ली। वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि फैसला पर्सनल लॉ की हिफाजत करता है और साथ ही एकदम से तलाक देने की प्रथा की निंदा करता है।
शीर्ष अदालत का फैसला आने के बाद सिब्बल मंगलवार को संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि फैसले में चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने जो कहा वह अल्पमत फैसले का हिस्सा है, इसलिए वह लागू नहीं होता है। जस्टिस खेहर ने अपने फैसले में इस मुद्दे से निपटने के लिए संसद से कानून बनाने का आग्रह किया। हालांकि उन्होंने अगले छह महीने के लिए मुस्लिम पुरुषों को तीन तलाक देने से रोक दिया और राजनीतिक दलों से इस अवधि में मतभेद भुलाकर कानून बनाने को कहा।
सिब्बल का यू-टर्न
गौरतलब है कि तीन तलाक मामले में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पैरवी करते हुए सिब्बल ने इसकी तुलना राम मंदिर से की थी और ये दलीलें दी थीं-
-अगर मेरी आस्था इस बात में है कि भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ था तो यह आस्था का विषय है और इसमें संवैधानिक नैतिकता का कोई प्रश्न नहीं है। कानून की अदालत इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती।
-तीन तलाक की प्रथा 1400 वर्षों से है। इसे गैर इस्लामी बताने वाले हम कौन होते हैं।
-क्या अदालत तय करेगी कि 16 करोड़ से अधिक लोगों की आस्था क्या हो।
-मुद्दा पर्सनल कानून का विषय है, जिसे संविधान के तहत संरक्षण प्राप्त है।
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