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अंतरराष्ट्रीय फलक पर छाया कानपुर का ईशान, कोरोना से बचाव के लिए बनाया वर्क डिको एप

प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं होती। इस बात को चरितार्थ किया है यूपी के कानपुर निवासी ईशान गुप्ता ने जो हैं तो केवल 17 साल के लेकिन अपनी प्रतिभा के दम पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन किया है।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 02:00 PM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 02:00 PM (IST)
अंतरराष्ट्रीय फलक पर छाया कानपुर का ईशान, कोरोना से बचाव के लिए बनाया वर्क डिको एप
कानपुर के रहने वाले ईशान ने एक एप बनाकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम रोशन किया है। (फाइल फोटो)

कानपुर [समीर दीक्षित]। एक तरफ पूरी दुनिया कोरोना से जंग लड़ रही है, वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे भी लोग हैं जो इस जंग को जीतने के लिए रास्ते तलाश रहे हैं। एक ऐसा ही नाम है ईशान गुप्ता। 17 साल के ईशान उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में रहते हैं और 12वीं के छात्र हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में भाग लेकर एक ऐसा एप तैयार किया है जो कोरोना से जंग में मददगार साबित हो सकता है।

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दरअसल, उनका यह एप भीड़भाड़ वाले स्थानों की जानकारी देने के साथ मास्क न लगाने वाले लोगों की संख्या बताने में भी सक्षम है। ईशान ने इस एप को नाम दिया है वर्क डिको। इस एप के लिए ईशान को 500 डॉलर की राशि भी मिली है। सेठ आनंदराम जयपुरिया स्कूल के छात्र ईशान का एप कोरोना से जंग में कई स्तर पर मददगार साबित हो सकता है।

ऐसे बहुत से स्थान हैं, जहां सीसीटीवी कैमरे लगे होते हैं। यह एप वहां के सीसीटीवी एप के जरिये डाटा लेकर यह बताने में सक्षम है कि वहां कितनी भीड़ है और कितने लोग मास्क नहीं लगाए हुए हैं। ईशान की इस उपलब्धि पर उनके स्कूल की प्रधानाचार्य शिखा बनर्जी भी बेहद खुश हैं। उन्होंने ईशान की प्रतिभा को सराहा और उन्हें बधाई भी दी।

वैश्विक स्तर पर पहला स्थान : 

हार्वर्ड और स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय की ओर से अप्रैल में कोरोना महामारी को लेकर प्रतियोगिता हुई थी। ईशान ने उसमें प्रतिभाग कर अपने इस एप को प्रस्तुत किया। अगस्त में जब परिणाम आया तो ईशान को वैश्विक स्तर पर पहला स्थान मिला। 500 डॉलर और किंग जॉर्ज का मेडल भी मिला।

ऐसे काम करता है एप : 

फिनलैंड में कोरोना को लेकर हुए शोध के बाद ईशान ने यह एप बनाया। ईशान बताते हैं कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निग व कंप्यूटर विजन तकनीक का उपयोग कर इस एप को तैयार किया है। इसके लिए उन्होंने डाटा तैयार किया और क्लाउड सर्वर पर अपलोड कर दिया। इसके बाद परिणाम आना शुरू हो गए। एप का उपयोग करने के लिए मॉल या स्टोर पर जो कैमरे लगे होते हैं, उनसे इस एप को जोड़ना होता है। इसके बाद जिस स्थान पर एप का उपयोग कर रहे हैं, वहां का पूरा डाटा एक क्लिक पर मिल जाता है। एप पर विच इज द बेस्ट स्टोर टू विजिट का विकल्प भी मौजूद रहता है।

गरीब बच्चों की करते हैं मदद :

कानपुर के स्वरूपनगर निवासी ईशान को 10वीं में 97.2 फीसद अंक मिले। खुद की पढ़ाई के साथ वह गरीब बच्चों की मदद भी करते हैं। ईशान वन बुक-वन स्माइल नाम से कम्युनिटी प्रोजेक्ट का संचालन भी करते हैं। इसमें मेरठ, नोएडा, कोलकाता के छात्र भी जुड़े हैं।


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