कांकेर में बाइबिल को नदी में विसर्जित कर पिता-पुत्र ने की धर्म वापसी
कांकेर जिले में एक पिता और पुत्र ने बाइबिल को नदी में विसर्जित कर हिंदू धर्म में वापसी की है। परिवार ने स्वेच्छा से यह निर्णय लिया और अपनी आस्था व्यक्त की। बाइबिल विसर्जन की प्रक्रिया स्थानीय लोगों की उपस्थिति में हुई। इस घटना पर क्षेत्र में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली है।
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पिता-पुत्र ने की धर्मवापसी।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के ग्राम मुड़पार (दखनी) में दो मतांतरित लोगों ने अपने मूल धर्म में वापसी की है। जानकारी के अनुसार करीब 10 वर्ष पहले नवल राम नेताम अपने पुत्र के साथ ईसाई धर्म में शामिल हो गए थे। दोनों ने ग्राम पंचायत में आवेदन देकर समाज में पुनः शामिल करने का आवेदन दिया था।
इसके बाद शीतला मंदिर परिसर में वैदिक विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर उनका पुन: स्वागत किया है। समाजजन ने गुलाब का फूल भेंट कर उनके निर्णय पर खुशी जताई। इसके बाद बाइबिल को प्रतीकात्मक रूप से नदी में विसर्जित किया गया।
स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, मतांतरण के बाद समाज ने उनके परिवार से दूरी बना ली थी। समाज ने स्पष्ट कर दिया था कि मतांतरित परिवार के किसी भी सदस्य की मृत्यु होने पर उन्हें दफनाने के लिए भूमि नहीं दी जाएगी। सामाजिक गतिविधियों से दूर होने के कारण परिवार को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। सर्व समाज के प्रतिनिधियों ने बताया कि धर्मांतरण के विरोध में जारी सामाजिक जागरूकता और आर्थिक नाकेबंदी के चलते अब लगातार परिवार मूल धर्म में लौट रहे हैं।
इस अवसर पर ग्राम सरपंच गंगाराम शोरी, सियाराम शोरी, ग्राम पटेल अमर सिंह कुमेटी, ग्राम समिति अध्यक्ष रामचंद मंडावी, उपसरपंच राजकुमार कश्यप, मोहन यादव, कमल ध्रुवा, श्याम सिंह कोडोपी समेत अन्य लोग उपस्थित थे।
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