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पंगा गर्ल कंगना को मिला 'Y' श्रेणी का सुरक्षा कवच, जानें और कितनी श्रेणियों में दी जाती है सुरक्षा

बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनोट को वाई श्रेणी की सुरक्षा मिली है। आइये जानते हैं क्या होती है वाई जेड और जेड प्लस सिक्योरिटी।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Mon, 07 Sep 2020 01:13 PM (IST)Updated: Mon, 07 Sep 2020 03:10 PM (IST)
पंगा गर्ल कंगना को मिला 'Y' श्रेणी का सुरक्षा कवच, जानें और कितनी श्रेणियों में दी जाती है सुरक्षा
पंगा गर्ल कंगना को मिला 'Y' श्रेणी का सुरक्षा कवच, जानें और कितनी श्रेणियों में दी जाती है सुरक्षा

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। अपने बिंदास अंदाज के लिए जानी जाने वाली बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना सुशांत राजपूत के आत्‍महत्‍या मामले में बयान दिए जाने के चलते बीते कुछ दिनों से लगातार सुर्खियों में हैं। उन्‍होंने मुंबई को लेकर भी जो बयान दिया था उस पर फिल्‍म इंडस्‍ट्री से जुड़े लोगों ने कमेंट किए थे। पंगा गर्ल कंगना के पिता ने मुंबई में उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी। इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उन्‍हें वाई श्रेणी की सुरक्षा व्‍यवस्‍था उपलब्‍ध करवाई है। हमारे देश में किसी की सुरक्षा की पांच श्रेणी हैं जिन्‍हें केंद्रीय गृह मंत्रालय मुहैया करवाता है। अलग अलग श्रेणी के हिसाब से इनमें जवानों की संख्‍या भी तय होती है। आइये जानते हैं क्या होती है वाई, जेड और जेड प्लस सिक्योरिटी। कितनी श्रेणी में किसे और किन परिस्थितियों में मिलती है सुरक्षा।

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गृह मंत्रालय करता है सुरक्षा की समीक्षा

वीआईपी को दी जाने वाली सुरक्षा का मामला केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन आता है। एसपीजी, इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के एक विभाग के रूप में काम करती है। गृह मंत्रालय वक्त-वक्त पर वीआईपी सुरक्षा की समीक्षा करता रहा है। इसके मुताबिक सुरक्षा को नियमित अंतराल पर घटाया या बढ़ाया जाता है। VIP सुरक्षा के लिए देश में एसपीजी के अलावा X, Y, Z और Z+ सुरक्षा की व्यवस्था है।

ये है देश में VIP सुरक्षा का ढ़ांचा

1. SPG सुरक्षा

विशेष सुरक्षा दल यानि स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) देश की सबसे उच्च स्तर की सुरक्षा फोर्स है, जो बहुत सीमित लोगों को प्रदान की जाती है। एसपीजी की सुरक्षा चार स्तर की होती है। 

2. Z+ सुरक्षा

एसपीजी के बाद जेड प्लस देश में दूसरे कैटेगरी की वीआईपी सुरक्षा है। जेड प्लस तीन स्तर की सुरक्षा होती है। इसके तहत कुल 36 सुरक्षाकर्मी मिलते हैं। इनमें 10 एनएसजी के विशेष कमांडो होते हैं, जो पहले घेरे अथवा प्रथम स्तर की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालते हैं। इसके बाद एनएसजी के अन्य जवान दूसरे लेयर की सुरक्षा संभालते हैं। तीसरे घेरे की जिम्मेदारी अर्धसैनिक बलों जैसे आईटीबीपी, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ आदि के जवानों को शामिल किया जाता है। जेड़ प्लस सुरक्षा आम तौर पर उन्हीं केंद्रीय मंत्रियों या विशिष्ट अतिथियों को दी जाती है, जिन्हें आतंकी खतरा हो।

3. Z सुरक्षा

देश में ये तीसरे नंबर की वीआईपी सुरक्षा होती है। जेड सुरक्षा में कुल 22 जवान होते हैं। इनमें से चार-पांच एनएसजी के विशेष कमांडो होते हैं, जो करीबी लड़ाई की कई विधाओं में पारंगत होते हैं। ये कमांडो बिना हथियार के भी दुश्मन का मुकाबला करने में माहिर होते हैं। इसके लिए इन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है। एक एस्कॉर्ट वाहन भी सुरक्षा में शामिल होता है। एनएसजी कमांडो टुकड़ी के अलावा जेड सुरक्षा में दिल्ली पुलिस या सीआरपीएफ के जवानों को भी शामिल किया जाता है।

4. Y सुरक्षा

वीआईपी सुरक्षा में चौथे स्थान पर आने वाली Y श्रेणी की सुरक्षा सबसे कॉमन है। ज्यादातर वीआईपी को केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से Y श्रेणी की ही सुरक्षा मुहैया कराई जाती है। इसमें कुल 11 जवान शामिल होते हैं। इसमें एक या दो कमांडों, दो पीएसओ और शेष अर्धसैनिक बलों के जवान होते हैं।

5. X सुरक्षा

वीआईपी को दी जाने वाली ये शुरूआती सुरक्षा सिस्टम है। एक्स श्रेणी में केवल दो सुरक्षाकर्मी शामिल होते हैं। इन्हीं में से एक पीएसओ भी होता है।


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