कांडा की तरक्की में खूबसूरती की अहम भूमिका
गीतिका शर्मा खुदकुशी मामले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल कांडा की गाथा के नए तथ्य सामने आ रहे हैं। दस साल में एकाएक धनकुबेर बने कांडा के बारे में देश के गृह मंत्रालय के पास भी रिपोर्ट थी लेकिन पूर्व मंत्री के प्रभाव के आगे वह भी खामोश पड़ गया। कांडा की तरक्की की दास्तान का महत्वपूर्ण पहलू यह है कि उसमें कम उम्र महिलाओं का खासा योगदान रहा।
नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। गीतिका शर्मा खुदकुशी मामले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल कांडा की गाथा के नए तथ्य सामने आ रहे हैं। दस साल में एकाएक धनकुबेर बने कांडा के बारे में देश के गृह मंत्रालय के पास भी रिपोर्ट थी लेकिन पूर्व मंत्री के प्रभाव के आगे वह भी खामोश पड़ गया। कांडा की तरक्की की दास्तान का महत्वपूर्ण पहलू यह है कि उसमें कम उम्र महिलाओं का खासा योगदान रहा। खासी संख्या में कमसिन और खूबसूरत लड़कियों को नौकरी देकर कांडा उनके माध्यम से कौन से हित साधता था, इस पर कयास लगाए जा रहे हैं। शुक्रवार को हरियाणा विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने हुड्डा सरकार पर अंगुली उठाते हुए उसे शर्मिदा करने वाले कृत्यों में भागीदार बताया था।
यह बात साफ हो गई है कि कांडा की तरक्की में लड़कियों का अहम योगदान था। सन 2007 में जब उसने एमडीएलआर एयरलाइंस कंपनी खोली थी, तब महज तीन विमानों के लिए 60 एयर होस्टेस रखी गई थीं। सभी एयर होस्टेस की भर्ती में कांडा ने खास दिलचस्पी ली थी। कुल 250 कर्मियों में 150 से ज्यादा महिलाएं ही थीं। साल भर में एयरलाइंस तो बंद हो गई लेकिन रखी गई 60 एयर होस्टेस को कांडा ने नौकरी से नहीं निकाला। उन्हें उसकी विभिन्न कंपनियों में स्थानांतरित कर दिया गया।
इन्हीं में से कुछ गोवा के कैसीनो में भेजी गई थीं, जिनमें नूपुर मेहता, गीतिका शर्मा, अंकिता सिंह भी थीं। इस बात की पुष्टि अंकिता की बहन श्वेता सिंह ने भी की है, वह भी कांडा की एयरलाइंस में एयर होस्टेस रह चुकी है। श्वेता ने माना है कि अंकिता के पास गोवा में मकान है, उसके एक बेटी है और वह इन दिनों सिंगापुर में है। अंकिता से श्वेता की कुछ महीनों पहले मुलाकात भी हुई थी। लेकिन वह अंकिता के पति का नाम बताने से मुकर रही है। इस सवाल के जवाब में वह उसे अंकिता का व्यक्तिगत मामला बता रही है। अंकिता से कांडा का वैवाहिक रिश्ता होने की बात चर्चा में है।
सवाल यह है कि अच्छी-खासी तनख्वाह और सुविधाओं पर लड़कियों की फौज रखकर कांडा उनसे कौन से हित साधता था? कांडा की दस साल में हैरतअंगेज तरक्की सवालों के घेरे में है। इस दौरान उसने अपनी राजनीतिक महात्वाकांक्षा को भी पूरा किया। हुड्डा सरकार के गठन में भी अहम भूमिका अदा की। चौटाला के आक्षेप संदेह और सवाल पैदा करने वाले हैं।
कहीं कांडा की तरक्की में इन लड़कियों की ही मुख्य भूमिका तो नहीं थी? अरुणा चढ्डा, नूपुर मेहता, गीतिका शर्मा और अंकिता सिंह का ओहदा और रुतबा बढ़ाकर वह अन्य लड़कियों को उनका अनुसरण करने के लिए प्रेरित तो नहीं करता था? उनके जरिये वह अपने आर्थिक और राजनीतिक हितों को साधने का काम तो नहीं करता था?
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