रिश्वतखोरी में किसी मंत्री के शामिल होने से इन्कार
अमेरिकी कंपनी लुई बर्जर द्वारा रिश्वत देकर जल विकास परियोजना का ठेका हासिल करने के मामले में गोवा के तत्कालीन मुख्यमंत्री दिगंबर कामत ने अपने किसी भी मंत्री की संलिप्तता से इन्कार किया है। कामत ने सोमवार को कहा कि जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी परियोजना के लिए सभी निविदाएं केंद्रीय
पणजी। अमेरिकी कंपनी लुई बर्जर द्वारा रिश्वत देकर जल विकास परियोजना का ठेका हासिल करने के मामले में गोवा के तत्कालीन मुख्यमंत्री दिगंबर कामत ने अपने किसी भी मंत्री की संलिप्तता से इन्कार किया है। कामत ने सोमवार को कहा कि जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी परियोजना के लिए सभी निविदाएं केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के नियमानुसार जारी की गई हैं। इसमें किसी मंत्री का कोई हस्तक्षेप नहीं था। कामत ने कहा कि निविदा के मूल्यांकन पर फैसला लेते समय ही राज्य के किसी विभाग की भूमिका सामने आती है। उनके मुताबिक मूल्यांकन के बाद किसी मंत्री के हस्तक्षेप की कोई संभावना नहीं बनती है। गोवा में इस परियोजना के लिए सबसे कम बोली जापान के एक कंसोर्टियम ने लगाई थी। उन्होंने कहा कि कोई भी यह आरोप लगा सकता है कि उसने मंत्री को धन दिया, लेकिन इसे साबित करने के लिए उचित आधार होना चाहिए।
रक्षा मंत्री एवं गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने इशारा किया था कि न्यू जर्सी की निर्माण प्रबंधन फर्म लुई बर्जर की संलिप्तता वाले कथित रिश्वत मामले में दो पूर्व मंत्रियों के शामिल होने की आशंका है। पर्रिकर के अनुसार क्योंकि यह काम जापान इंटरनेशनल फंडिंग परियोजना से संबंधित है, तो इसमें पीडब्ल्यूडी मंत्री भी शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा परियोजना के लिए वित्तीय मंजूरी के मद्देनजर इसमें एक और मंत्री के भी शामिल होने की आशंका है। फर्म पर गोवा और गुवाहाटी में दो प्रमुख जल विकास परियोजनाएं हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को रिश्वत देने के आरोप लगे हैं। गोवा के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर ने रिश्वत मामले की सीबीआइ जांच की मांग करते हुए कहा था कि यह अंतरराष्ट्रीय मामला है, इसलिए गोवा पुलिस इसकी जांच नहीं कर पाएगी।