रिलीज से पहले कोर्ट देखेगा विश्वरूपम
तमिलनाडु सरकार के बाद दक्षिण भारतीय सुपरस्टार कमल हासन की बिग बजट फिल्म 'विश्वरूपम' के प्रदर्शन पर मद्रास हाई कोर्ट ने भी 28 जनवरी तक के लिए रोक लगा दी है। अब कोर्ट 26 जनवरी को फिल्म देखने के बाद ही कोई फैसला लेगा। कोर्ट ने यह फैसला तमिलनाडु सरकार के प्रतिबंध पर रोक लगाने को लेकर हासन की याचिका पर सुनवाई के बाद दिया। वहीं, केंद्र सरकार ने तमिलनाडु सरकार से प्रतिबंध हटाने को कहा है। यह फिल्म देश और विदेश में आज ही रिलीज होनी थी।
नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। तमिलनाडु सरकार के बाद दक्षिण भारतीय सुपरस्टार कमल हासन की बिग बजट फिल्म 'विश्वरूपम' के प्रदर्शन पर मद्रास हाई कोर्ट ने भी 28 जनवरी तक के लिए रोक लगा दी है। अब कोर्ट 26 जनवरी को फिल्म देखने के बाद ही कोई फैसला लेगा। कोर्ट ने यह फैसला तमिलनाडु सरकार के प्रतिबंध पर रोक लगाने को लेकर हासन की याचिका पर सुनवाई के बाद दिया। वहीं, केंद्र सरकार ने तमिलनाडु सरकार से प्रतिबंध हटाने को कहा है। यह फिल्म देश और विदेश में आज ही रिलीज होनी थी।
याची फिल्म निर्माता हासन की अंतरिम राहत देने की मांग को न्यायमूर्ति के. वेंकटरमन ने खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, 'यह फिल्म देखने के बाद ही तय किया जा सकता है कि इसमें कोई ऐसा दृश्य है, जो मुस्लिमों की भावनाओं को ठेस पहुंचा रहे हैं या नहीं। लिहाजा फिल्म की रिलीज कुछ समय तक टाली जा सकती है।' करीब दो घंटे की बहस के बाद कोर्ट ने कहा, 'कोर्ट कोई राय नहीं बना पाया और न ही किसी नतीजे पर पहुंच पा रहा है। फिल्म देखने के बाद ही कोई नतीजा निकाला जा सकता है। लिहाजा, इस समय कोई अंतरिम राहत न देते हुए मामले को 28 जनवरी तक के लिए टाला जा रहा है।'
सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा है कि सेंसर बोर्ड से प्रमाणित होने के बाद कोई भी राज्य फिल्म को नहीं रोक सकता। उन्होंने प्रकाश झा के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लेख किया। इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि केंद्र सरकार को फिल्म प्रमाणित करने का अधिकार है। प्रदर्शन के लिए फिल्म को सेंसर बोर्ड की अनुमति के बाद सभी राज्य सरकारों को मानना चाहिए। मनीष ने तमिलनाडु सरकार से अनुरोध किया है कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अनदेखी न की जाए।
फिल्म बिरादरी ने प्रतिबंध को गलत ठहराया
विश्वरूपम पर प्रतिबंध पर प्रकाश राज और मधुर भंडारकर ने नाराजगी जताई है। राज ने ट्वीट किया है कि यह न्यायसंगत नहीं है। हमें अभिव्यक्ति के अधिकार के साथ खड़ा होना चाहिए। अनुभव सिन्हा ने भी सरकार के फैसले पर सवालिया निशान लगाए हैं। मधुर ने लिखा है कि जिस फिल्म को सेंसर बोर्ड पास कर चुकी है, उस पर प्रतिबंध लगाने का क्या औचित्य है।
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