जल्द ही दिख सकती है हवा में उड़ती टैक्सी, 2030 तक भारत को ड्रोन हब बनाने की सरकार की तैयारी
सरकार ने नए ड्रोन नियमों की अधिसूचना जारी कर दी है जिनसे देश में ड्रोन का संचालन काफी आसान हो जाएगा। ड्रोन के नए नियमों से ट्रांसपोर्ट और लाजिस्टिक के साथ कृषि खनन स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों को काफी मदद मिलेगी।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। सरकार ने नए ड्रोन नियमों की अधिसूचना जारी कर दी है, जिनसे देश में ड्रोन का संचालन काफी आसान हो जाएगा। इनमें विभिन्न प्रकार की अनुमति को खत्म कर दिया गया है। ड्रोन के नए नियमों से ट्रांसपोर्ट और लाजिस्टिक के साथ कृषि, खनन, स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों को काफी मदद मिलेगी। इसके तहत देश में जल्द ही हवा में उड़ती टैक्सी दिख सकती है। निगरानी के काम में भी ड्रोन का अब आसानी से इस्तेमाल हो सकेगा। खेतों में कीटनाशक के छिड़काव के साथ दूरदराज इलाके में दवा पहुंचाने तक में ड्रोन का इस्तेमाल हो सकेगा।
25 की जगह मात्र पांच फार्म भरने होंगे
नए नियम के तहत ड्रोन के संचालन के लिए अब 25 की जगह मात्र पांच फार्म भरने होंगे। वहीं रिमोट पायलट लाइसेंस फीस की राशि को 3,000 रुपये से घटाकर मात्र 100 रुपये कर दिया गया है, जो 10 साल के लिए मान्य होगा। पहले ड्रोन के आकार के हिसाब से यह फीस ली जाती थी, जो अब सभी ड्रोन के लिए एक समान होगी।
अब स्व-सत्यापन भी मान्य
नए नियमों के तहत विभिन्न प्रकार की मंजूरी की जगह स्व-सत्यापन को मान्य कर दिया गया है। माल की ढुलाई के लिए जल्द ही ड्रोन कारिडोर विकसित किया जाएगा। भारतीय ड्रोन कंपनियों में विदेशी स्वामित्व पर रोक नहीं होगी। इससे ड्रोन के क्षेत्र में काम कर रहे स्टार्टअप्स को विदेशी निवेश मिलने में आसानी होगी।
हवा में उड़ेगी टैक्सी
नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि नए ड्रोन नियमों की बदौलत आने वाले दिनों में हवा में टैक्सी का उड़ना संभव हो सकेगा। उन्होंने कहा कि अभी सड़क पर दिखने वाली उबर व अन्य टैक्सी जल्द ही नई ड्रोन नीति की वजह से हवा में उड़ती दिखेगी।
सरकार मिलकर कर रही काम
सिंधिया ने कहा कि एयर टैक्सी पर रिसर्च किया जा रहा है और इस क्षेत्र में कई स्टार्टअप्स आ रहे हैं। रक्षा, गृह और ब्यूरो आफ सिविल एविएशन एयर टैक्सी की दिशा में मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में 200 से अधिक स्टार्टअप्स ड्रोन के इकोसिस्टम से जुड़ी हैं और हम नए नियमों की मदद से वर्ष 2030 तक भारत को ड्रोन का हब बनाना चाहते हैं। ड्रोन के इको सिस्टम को विकसित करने के लिए सरकार ड्रोन प्रमोशन काउंसिल का गठन करेगी जिसमें विभिन्न साझेदार होंगे।
ड्रोन उड़ाने के लिए तीन जोन
ड्रोन उड़ाने के लिए तीन प्रकार के जोन होंगे-ग्रीन, यलो और रेड। ग्रीन जोन में ड्रोन उड़ाने के लिए किसी प्रकार की इजाजत की जरूरत नहीं होगी। जोन की जानकारी के लिए डिजिटल स्काई प्लेटफार्म तैयार किया जा रहा है, जो अगले एक महीने में दिखने लगेगा। तीनों जोन डिजिटल स्काई प्लेटफार्म पर देखे जा सकेंगे। 400 फीट या 120 मीटर तक की ऊंचाई वाला इलाका ग्रीन जोन होगा। लेकिन यह इलाका रेड जोन या यलो जोन का नहीं होना चाहिए। वहां केवल पूर्वानुमति के बाद ही ड्रोन उड़ाया जा सकता है। एयरपोर्ट के 12 किलोमीटर के दायरे में भी ड्रोन संचालन की इजाजत नहीं होगी। माइक्रो ड्रोन उड़ाने के लिए किसी प्रकार के लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी। 500 किलोग्राम तक के ड्रोन नए नियम के तहत कवर होंगे।
सिखाया जाएगा ड्रोन उड़ाना
डिजिटल स्काई प्लेटफार्म पर ड्रोन उड़ाना सिखाया जाएगा। मंजूरी प्राप्त स्कूल से ड्रोन उड़ाना सीखना होगा। यहां से प्रशिक्षण सर्टिफिकेट हासिल करने के बाद डीजीसीए 15 दिनों में रिमोट पायलट लाइसेंस जारी कर देगा। डिजिटल स्काई प्लेटफार्म पर उड़ने वाले सभी ड्रोन को एक यूनिक नंबर जारी किया जाएगा।