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शशि थरूर को ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया की फटकार, दी इतिहास पढ़ने की नसीहत

शशि थरूर द्वारा राजाओं को लेकर दिया गया बयान ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया को नागवार गुजरा और उन्‍होंने थरूर को फटकार लगाते हुए इतिहास पढ़ने की नसीहत दे डाली।

By Monika MinalEdited By: Published: Sat, 18 Nov 2017 01:23 PM (IST)Updated: Sat, 18 Nov 2017 01:55 PM (IST)
शशि थरूर को ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया की फटकार, दी इतिहास पढ़ने की नसीहत
शशि थरूर को ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया की फटकार, दी इतिहास पढ़ने की नसीहत

वडोदरा (गुजरात) (एएनआई)। फिल्‍म ‘पद्मावती’ को लेकर जहां एक ओर राजपूत समुदाय में क्रोध का माहौल है वहीं राजनीति में भी उथल-पुथल मच गयी है। एक बयान को लेकर कांग्रेस नेता जयोतिरादित्‍य सिंधिया व शशि थरूर आमने-सामने हैं। ज्‍योतिरादित्‍य ने थरूर की ‘महाराजाओं’ वाले बयान की निंदा की और उन्‍हें इतिहास पढ़ने की सलाह दे डाली है।

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थरूर द्वारा महाराजाओं को लेकर किए गए एक कमेंट के एक दिन बाद सिंधिया का यह बयान आया है। दरअसल, थरूर ने कहा था, हकीकत यह है कि भारत के महाराजाओं को उस वक्‍त अपने सम्‍मान और प्रतिष्‍ठा की चिंता नहीं थी जब ब्रिटिश उनकी सत्‍ता पर हावी हो रहे थे और अब वे एक फिल्म को लेकर निर्देशक और कलाकारों के पीछे हाथ धोकर पड़ गए हैं।

मीडिया से बात करते हुए सिंधिया ने कहा, ‘मेरा मानना है कि उन्‍हें (शशि थरूर को)  इतिहास पढ़ना चाहिए, मैं ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया हूं और मुझे अपने अतीत पर गर्व है।‘

निर्देशक संजय लीला भंसाली की आगामी फिल्‍म पद्मावती इतिहास के तोड़ने मरोड़ने व राजपूत समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने को लेकर सुर्खियों में है।

स्मृति इरानी भी कर चुकी हैं पलटवार

महाराजाओं के कायर होने संबंधी शशि थरूर के बयान पर स्मृति ईरानी ने जमकर पलटवार किया। स्मृति ईरानी ने ट्वीट कर पूछा- क्या सभी महाराजाओं ने ब्रिटिश के सामने घुटने टेके थे? शशि थरूर की इस टिप्पणी पर स्मृति ईरानी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया, दिग्गी राजा और अमरिंदर सिंह से जवाब मांगा।

आइए जानें- क्या कहा था थरूर ने?

फिल्म 'पद्मावती' को लेकर मचे हंगामे के बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर के बयान पर बवाल मच गया है। थरूर ने कहा था- असलियत तो यह है कि इन तथाकथित महाराजाओं में हर एक जो आज मुंबई के एक फिल्मकार के पीछे हाथ धोकर पडे हैं, उन्हें उस समय अपने मान सम्मान की कोई चिंता नहीं थी जब ब्रिटिश इनके मान-सम्मान को पैरों तले रौंद रहे थे। वे खुद को बचाने के लिए भाग खड़े हुए थे तो इस सच्चाई का सामना करो, इसलिए ये सवाल ही नहीं है कि हमारी मिलीभगत थी।

यह भी पढ़ें: फिल्म पद्मावती के विरोध में योगी आदित्यनाथ के मंत्री चेतन चौहान


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