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Harassment allegations against CJI: तीन जजों की जांच कमेटी से एक जज हुए अलग

Harassment allegations against CJI Ranjan Gogoi अमर्यादित आचरण के आरोपों की जांच के लिए गठित हुई थी तीन जजों की कमेटी।

By NiteshEdited By: Published: Thu, 25 Apr 2019 07:52 PM (IST)Updated: Thu, 25 Apr 2019 08:01 PM (IST)
Harassment allegations against CJI: तीन जजों की जांच कमेटी से एक जज हुए अलग
Harassment allegations against CJI: तीन जजों की जांच कमेटी से एक जज हुए अलग

नई दिल्ली, जेएनएन। Harassment allegations against CJI Ranjan Gogoi सीजेआई रंजन गोगोई पर लगे अमर्यादित आचरण के आरोपों की जांच कर रही तीन जजों की आंतरिक जांच कमेटी से जस्टिस एनवी रमना ने स्वयं को अलग कर लिया है। कल शिकायतकर्ता महिला ने जस्टिस रमना के समिति मे शामिल होने पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि जस्टिस रमना सीजेआई के अभिन्न मित्र हैं।

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मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने शिकायतकर्ता महिला के आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय आंतरिक जांच समिति गठित की है। जांच समिति में कोर्ट के दूसरे नंबर के वरिष्ठतम न्यायाधीश एसए बोबडे और तीसरे नंबर के वरिष्ठतम न्यायाधीश एनवी रमना तथा महिला न्यायाधीश इंदिरा बनर्जी शामिल थे। आपत्ति के बाद रमना ने खुद को अलग कर लिया है। समिति ने शिकायतकर्ता महिला को नोटिस भेजा था और मामले में शुक्रवार को सुनवाई होनी थी।

उल्लेखनीय है कि विगत शनिवार को चीफ जस्टिस गोगोई के नेतृत्व में तीन जजों की बेंच ने मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ आरोपों पर सुनवाई की थी। उस दौरान सीजेआइ ने अपने खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों को बेबुनियाद बताया था और इसके पीछे बहुत बड़े षड्यंत्र का अंदेशा जताया था। उन्होंने कहा था कि कोई बहुत बड़ी ताकत सीजेआइ के दफ्तर को निष्क्रिय करना चाहती है। चीफ जस्टिस के अपनी दलीलें देने के बाद अन्य दो जजों जस्टिस अरुण मिश्रा और संजीव खन्ना ने आदेश पारित किया।

क्या थी महिला की आपत्ति
शिकायतकर्ता महिला ने समिति के संयोजन पर सवाल उठाते हुए कहा था कि समिति में शामिल न्यायाधीश एनवी रमना मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के अभिन्न मित्र हैं और नियमित तौर पर मुख्य न्यायाधीश के घर आते जाते हैं। सूत्र बताते हैं कि महिला ने इसके अलावा जांच समिति में मात्र एक महिला सदस्य होने पर भी आपत्ति जताई है। उसका कहना है कि यह विशाखा गाइड लाइन के अनुरूप नहीं है।

क्या है विशाखा गाइड लाइन
विशाखा गाइड लाइन के मुताबिक कार्य स्थल पर यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच करने वाली समिति में महिला सदस्य बहुमत में होनी चाहिए। सूत्र बताते हैं कि महिला ने वकील की मदद की इजाजत मांगी है और साथ समिति की कार्यवाही की वीडियो रिकार्डिग की मांग की है। इसके अलावा शनिवार को कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट द्वारा की गई टिप्पणियों पर भी महिला ने चिंता जाहिर की है।


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