देश को जवाबदेह ग्राम न्यायालयों की जरूरत: जस्टिस मदन बी लोकुर
न्यायाधीश मदन बी लोकुर ने शनिवार को देश में और अधिक ग्रामीण अदालतों की स्थापना पर बल दिया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश मदन बी लोकुर ने शनिवार को देश में और अधिक ग्रामीण अदालतों की स्थापना पर बल दिया है। हालांकि उन्होंने इनके कामकाज में और जवाबदेही सुनिश्चित करने को कहा है।
राष्ट्रीय न्यायिक सेवाएं प्राधिकरण (नालसा) के अध्यक्ष जस्टिस मदन बी लोकुर ने कहा कि देश के प्रत्येक व्यक्ति को न्याय मिल सके, इसके लिए और अधिक 'ग्राम न्यायालयों' की स्थापना की जानी चाहिए। ऐसे न्यायालय देश के हर कोने में लोगों को न्याय पहुंचाने के उद्देश्य में सहायक होंगे। उन्होंने कहा कि ग्राम न्यायालयों पर पहले से ही कुछ कानून हैं और कुछ काम भी कर रहे हैं।
30 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने वाले जस्टिस लोकुर ने कहा कि इस तरह के एक न्यायालय में कम से कम 2000 मामले लंबित हैं। कार्यक्रम में बोलते हुए कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'जो वकील प्राधिकरण से जुड़े हैं, उन्हें बच्चों, बंधुआ मजदूरों, महिलाओं और ऐसे विचाराधीन कैदियों के मामले लेने चाहिए, जो जमानत के हकदार हों।' उन्होंने कहा कि उनको जमानत की जरूरत है। आप उनकी मदद करें।