माता पिता की तरह देश का भी कर्ज नहीं चुका सकता - जस्टिस खेहर
जस्टिस जेएस खेहर आठ महीने के मुख्य न्यायाधीश के कार्यकाल के बाद रविवार को पद से सेवानिवृत हो जाऐंगे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रविवार को सेवानिवृत हो रहे मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर ने कहा कि मै अपने देश, मात्रभूमि का आभारी हूं जिसने मुझे इस देश के सबसे बड़े न्यायिक पद पर सेवा का मौका दिया। उन्होंने कहा कि जिस तरह मै माता पिता का कर्ज नहीं चुका सकता, वैसे ही देश का कर्ज भी नहीं चुका सकता। जस्टिस खेहर ने न्यायाधीश के कार्यकाल में सहयोग के लिए सबका धन्यवाद देते हुए अपने विदाई समारोह में शुक्रवार को ये बात कही। वहीं दूसरी ओर अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने जस्टिस खेहर के कामकाज और निष्ठा की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने साथी न्यायाधीशों को गर्मी की छुट्टी में सुनवाई के लिए सहमत नहीं किया होता तो तो तीन तलाक जैसा बेहतरीन फैसला नहीं आता।
जस्टिस जेएस खेहर आठ महीने के मुख्य न्यायाधीश के कार्यकाल के बाद रविवार को पद से सेवानिवृत हो जाऐंगे। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने उनके सम्मान में विदाई समारोह रखा था। जस्टिस खेहर और वेणुगोपाल ने इसी मौके पर बोलते हुए ये बातें कही।
सुप्रीम कोर्ट लान में आयोजित विदाई समारोह में बोलते हुए जस्टिस खेहर ने कहा कि ये आप सब से बात करने का आखिरी मौका है। मै उन सब लोगों का आभारी हूं जिन्होंने मेरे जीवन में मेरी सहायता की। बचपन से लेकर न्यायिक सेवा में आने तक कि जीवन यात्रा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मेरे पिता ने मेरा बेहतर स्कूल में दाखिला कराया अच्छी शिक्षा दी। उन्होंने मुझे असफलताओं को स्वीकार करना सिखाया। लोग कहते हैं कि मेरी सफलता के पीछे मेरे पिता हैं।
उन्होंने कहा कि न्यायाधीश रहने के दौरान मुझे वरिष्ठ और कनिष्ठ न्यायाधीशों का सहयोग मिला। मै उनका और सहयोगी स्टाफ का आभारी हूं जिन्होंने मुझे कभी लो फील नहीं होने दिया। उन्होंने सूचना क्रांति की उपलब्धियों को भी याद किया और कहा कि पेपरलेस कोर्ट सपना नहीं रह जाएगा बल्कि हकीकत हो जाएगी। सोमवार को मुख्य न्यायाधीश बनने जा रहे वरिष्ठतम न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने इस मौके पर जस्टिस खेहर के काम और स्वभाव की तारीफ की उन्होंने कहा कि इनका दिल बहुत अच्छा है। जब दिल अच्छा होता है तो दिमाग भी अच्छा होता है और उसमें विचार भी अच्छे आते हैं।
अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि कुछ लोग न्यायाधीशों पर आक्षेप लगाते हैं लेकिन ये बहुत निंदनीय है इससे न्यायिक तंत्र में जनता का विश्वास कम होता है। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आरएस सूरी और सचिव गौरव भाटिया ने भी जस्टिस खेहर के कामकाज के तरीके और यादगार फैसलों को याद किया।
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