मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे सकते हैं जस्टिस गांगुली
कोलकाता। कानून की प्रशिक्षु छात्रा के साथ यौन शोषण आरोपों का सामना कर रहे सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एके गांगुली बंगाल मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे सकते है। राज्य व केंद्र सरकारों सहित तमाम संगठनों द्वारा उनके इस्तीफे की मांग के बावजूद पद पर अड़े जस्टिस गांगुली इस प्रकरण से बहुत परेशान हैं। उन्ह
कोलकाता। कानून की प्रशिक्षु छात्रा के साथ यौन शोषण आरोपों का सामना कर रहे सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एके गांगुली बंगाल मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे सकते है। राज्य व केंद्र सरकारों सहित तमाम संगठनों द्वारा उनके इस्तीफे की मांग के बावजूद पद पर अड़े जस्टिस गांगुली इस प्रकरण से बहुत परेशान हैं। उन्होंने पूर्व अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी से फोन पर बातचीत में अपनी पीड़ा जताई है।
पूर्व अटॉर्नी जनरल ने बताया कि जस्टिस गांगुली ने फोन पर हुई बातचीत में कहा, 'वे बंगाल मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने पर विचार कर रहे हैं।' वे कई चीजों पर सोराबजी की राय चाहते हैं। इस प्रकरण से पूर्व न्यायाधीश व उनका परिवार बहुत परेशान है। इस पर पूर्व अटॉर्नी जनरल ने जवाब दिया कि इस्तीफा देने का उनका फैसला सही है।
यौन शोषण के आरोपों पर जस्टिस गांगुली का दोहरा रुख
आखिर जाना ही पड़ेगा जस्टिस गांगुली को
इस बीच जस्टिस गांगुली ने सर्वोच्च न्यायालय में दायर उस जनहित याचिका से भी किनारा किया है जिसमें उन्हें पद से हटाने के लिए केंद्र को किसी तरह का प्रयास करने से रोकने की अपील की गई है। यह याचिका दिल्ली के एक डॉक्टर एम पद्म नारायण सिंह की तरफ से दायर की गई है। जिसपर मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ में सोमवार को सुनवाई होगी। जस्टिस गांगुली ने कहा कि उनका इस जनहित याचिका से कोई लेना-देना नहीं है। वे उस व्यक्ति को भी नहीं जानते, जिसने ये याचिका दायर की है। गौरतलब है कि आयोग अध्यक्ष पद से इस्तीफे पर गांगुली ने ऐसे समय मंशा जताई है जब उन्हें पद से हटाने के लिए कैबिनेट में प्रेसिडेंशियल रेफरेंस को हरी झंडी मिल गई है।
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