Move to Jagran APP

देश के नए मुख्य न्यायाधीश के तौर पर जस्टिस दीपक मिश्रा ने ली शपथ

सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजाने का आदेश और आधी रात में याकूब मेमन की फांसी पर मुहर के अलावा दिल्ली दुष्कर्म कांड के दोषियों को मौत की सजा देने का आदेश जस्टिस मिश्रा ने ही दिया था।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 28 Aug 2017 03:34 AM (IST)Updated: Mon, 28 Aug 2017 09:36 AM (IST)
देश के नए मुख्य न्यायाधीश के तौर पर जस्टिस दीपक मिश्रा ने ली शपथ
देश के नए मुख्य न्यायाधीश के तौर पर जस्टिस दीपक मिश्रा ने ली शपथ

माला दीक्षित, नई दिल्ली। जस्टिस जेएस खेहर रविवार को मुख्य न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हो गए और सोमवार को जस्टिस दीपक मिश्रा ने भारत के नए मुख्य न्यायाधीश के तौर पर शपथ ली। जाने और आने वाले दोनों ही मुख्य न्यायाधीशों के फैसले अहमियत के लिहाज से मील का पत्थर हैैं।

loksabha election banner

सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजाने का आदेश और आधी रात में याकूब मेमन की फांसी पर मुहर के अलावा दिल्ली दुष्कर्म कांड के दोषियों को मौत की सजा देने का आदेश जस्टिस मिश्रा ने ही दिया था। जबकि जस्टिस खेहर एनजेएसी को रद करने के अलावा तीन तलाक व निजता के फैसलों के लिए हमेशा याद किये जाएंगे।

 चीफ जस्टिस जेएस खेहर रविवार को सेवानिवृत्त हो गए
वैसे तो सामने आए हर केस में फैसला देना न्यायाधीश का कर्तव्य होता है लेकिन कुछ फैसले ऐसे होते हैैं जो इतिहास रच देते हैैं। उन्हीं में से एक था राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) कानून को रद करने का फैसला। सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति की नयी व्यवस्था देने वाले एनजेएसी कानून को असंवैधानिक ठहराने के लिए जस्टिस खेहर हमेशा याद किये जाएंगे। फैसला देने वाले पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ में जस्टिस खेहर ने बहुमत का फैसला लिखा था। जबकि एक बार में तीन तलाक को असंवैधानिक घोषित करने वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ की अगुवाई भी जस्टिस खेहर ने की थी लेकिन उसमें 3-2 के बहुमत से दिये गये फैसले में उनका नजरिया अल्पमत का था।

 बहुमत ने एक बार में तीन तलाक के प्रचलन को निरस्त कर दिया है जबकि स्वयं और जस्टिस अब्दुल नजीर की ओर से अल्पमत का फैसला लिखते हुए जस्टिस खेहर ने इसे असंवैधानिक ठहराने से इन्कार कर दिया था। उनका कहना था कि ये इस्लाम का अभिन्न हिस्सा है और कोर्ट इसमें दखल नहीं दे सकता। हालांकि उन्होंने सरकार से कानून बनाने की संस्तुति की थी और तब तक के लिए तीन तलाक पर रोक लगा दी थी। देश के नागरिकों को निजता का मौलिक अधिकार देने वाली नौ न्यायाधीशों की पीठ की अगुवाई भी जस्टिस खेहर ने की थी। सर्वसम्मति से दिये गए इस फैसले के लिए जस्टिस खेहर हमेशा याद रखे जाएंगे। आठ महीने का मुख्य न्यायाधीश का कार्यकाल पूरा करके वे रविवार को सेवानिवृत्त हो गए।
जस्टिस खेहर की जगह सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा भारत के मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ ली। जस्टिस मिश्रा के ही आदेश से देश भर के सिनेमाघरों में फिल्म के पहले राष्ट्रगान बजता है और स्क्रीन पर तिरंगा लहराता है जिसे सिनेमाहाल में मौजूद सभी दर्शकों के लिए खड़े होकर सम्मान देना अनिवार्य है। याकूब मेमन और दिल्ली दुष्कर्म कांड के दोषियों को फांसी की सजा भी जस्टिस मिश्रा की पीठ का ही फैसला था।

याकूब मेमन की दया याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में रात भर सुनवाई करके जस्टिस मिश्रा ने एक नया इतिहास रचा। उन्होंने सुबह करीब पांच बजे पीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए मेमन की दया याचिका खारिज कर उसकी फांसी पर मुहर लगा दी थी। इसके करीब दो घंटे बाद मेमन को फांसी पर चढ़ा दिया गया। देश को झकझोरने वाले दिल्ली दुष्कर्म कांड के चार दोषियों की फांसी की सजा पर भी जस्टिस मिश्रा की पीठ ने ही मुहर लगाई थी।

यह भी पढें: अदालत आएगी आपके द्वार!


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.