Move to Jagran APP

अजीब दास्तांः यहां गंगा किनारे बसा है ब्रिटेन के हाउस ऑफ लॉ‌र्ड्स का दावेदार

जेम्स गार्डनर भारत आए लॉर्ड विलियम ट्विथ गार्डनर की सातवीं पीढ़ी के हैं जो बाद में ब्रिटिश आर्मी को छोड़कर कर्नल विलियम लीनियस के साथ मिल गए थे।

By Vikas JangraEdited By: Published: Tue, 20 Nov 2018 09:10 AM (IST)Updated: Tue, 20 Nov 2018 10:52 AM (IST)
अजीब दास्तांः यहां गंगा किनारे बसा है ब्रिटेन के हाउस ऑफ लॉ‌र्ड्स का दावेदार
अजीब दास्तांः यहां गंगा किनारे बसा है ब्रिटेन के हाउस ऑफ लॉ‌र्ड्स का दावेदार

जिज्ञासु वशिष्ठ, कासगंज। ब्रिटेन के हाउस ऑफ लॉ‌र्ड्स में 1883 से राज परिवार से जुड़ी एक सीट रिक्त है। इसका कोई दावेदार नहीं है। इसके दावेदार जूलियन जेम्स गार्डनर उप्र के कासगंज स्थित फतेहपुरकलां में गंगा किनारे अपना आशियाना बनाए हुए हैं। परिस्थिति ऐसी है कि लंदन पहुंचकर वह दावा भी नहीं कर पा रहे। जेम्स गार्डनर भारत आए लॉर्ड विलियम ट्विथ गार्डनर की सातवीं पीढ़ी के हैं जो बाद में ब्रिटिश आर्मी को छोड़कर कर्नल विलियम लीनियस के साथ मिल गए थे।

loksabha election banner

1991-92 में खाली पड़ी सदन की सीट के लिए दावेदारी आई तो फाइलों में लिपटे इस राज के पन्ने भी सामने आ गए। लंदन में लॉर्ड विलियम ट्विथ गार्डनर के परिवार की वंशावली को खंगाला गया तो उनके यहां आने की जानकारी मिली। उस वक्त लंदन से कुछ लोग कासगंज आकर परिवार से मिले, लेकिन फिर दूरी कायम हो गई।

सोरों में गंगा नदी से कुछ किमी दूर फतेहपुर कलां में बसे परिवार की खनक कैसी रही होगी, इसका आभास इससे होता है कि किसी से पता पूछिये, तो तुरंत जवाब मिलता है कि 'साहब' की बात कर रहे हैं। कुछ लोग अब भी परिवार को अंग्रेज ही कहकर पुकारते हैं।

जूलियन जेम्स गार्डनर उम्र के 76वें पायदान पर हैं लेकिन सक्रिय रहते हैं। वह स्वयं को लॉर्ड विलियम की सातवीं पीढ़ी का बताते हैं। परिवार में पत्‍‌नी हैं। वहीं बड़े पुत्र एस्ले रॉडनी गार्डनर सोरों में एक स्कूल का संचालन कर रहे हैं। साथ ही 40 बीघा खेती की जमीन भी है। उनकी बड़ी बेटी क्रिस्टावेल हैं, जिनके पति डेविड ल्यूक इलाहाबाद में बॉयज हाईस्कूल एवं कॉलेज के प्रिंसिपल हैं। यह जाना-माना कॉलेज है। छोटी बेटी आयोना ग्रेंडिश हैदराबाद में स्कूल शिक्षिका हैं।

दावा करने गए लंदन, पेटिंग बनाकर वापसी के लिए जुटाई धनराशि

लंदन में सदन की सीट का दावा क्यों नहीं किया, इस पर सवाल उठते ही जूलियन जेम्स बताते हैं कि उनके दादा को हाउस ऑफ लॉ‌र्ड्स की सीट के अधिकार की एक बार जानकारी हुई थी। इस पर वह इंग्लैंड गए और अपना दावा ठोका। कोई फैसला होता, उससे पहले ही परिस्थितियां ऐसी हुई कि यहां लौटने तक के लिए पेंटिंग बनाकर धनराशि जुटानी पड़ी। इसके बाद फिर कोई दावेदारी नहीं कर सका।

1991-92 में मीडिया में लॉर्ड विलियम के भारत के कासगंज आने और सदन में उनकी सीट की जानकारी खूब आई। इस पर यहां से जेम्स ने पत्राचार किया, तो वंशावली लंदन से मिल गई। उन्हें बीबीसी ने लंदन भी बुलाया, लेकिन नहीं जा सके।

विलियम लीनियस के कहने पर ब्रिटिश आर्मी को छोड़ा

लॉर्ड विलियम ट्विथ गार्डनर, कर्नल विलियम लीनियस के भतीजे थे। 17 वीं शताब्दी में लीनियस कासगंज आए। यहां ब्रिटिश हुकूमत से ठन गई, तो होल्कर शासकों के साथ हो गए। यहां 500 राजपूतों व 500 पठानों को लेकर अलग सेना बनाई।

गुजरात के एक नवाब से इस दौरान संधि हुई, तभी उन्होंने शादी की। बाद में होल्कर से भी विवाद हो गया। समझौते में उन्हें एटा जिले के 84 गांव दिए गए। उस वक्त कासगंज के निकट छावनी थी, जिसे अब भी छावनी गांव कहा जाता है। इसके बाद लॉर्ड ट्विथ गार्डनर आए, जो कर्नल के कहने पर उनके साथ हो गए। समय की धारा ऐसी रही कि परिवार यहीं बस गया। भारत को आजादी मिली लेकिन परिवार को गंगा किनारे से जाना पसंद नहीं आया।

पहले लार्ड के दूसरे बेटे के थे संतान

लॉर्ड विलियम ट्विथ पहले लार्ड के दूसरे बेटे की संतान बताए जाते हैं। ऐसे में 1883 से हाउस ऑफ लॉ‌र्ड्स में खाली पड़ी सीट पर उनका दावा बनता है। यही वजह है कि जब 1991 में विवाद हुआ, तो वंशावली के आधार पर उनके वंशजों की शुरू हुई तलाश कासगंज में जूलियन जेम्स गार्डनर के परिवार पर आकर समाप्त हुई।

बीबीसी ने जब दावा करने में सहयोग किया, उस समय कंजरवेटिव पार्टी थी। वह राज परिवार के समर्थन में थी। हम दावे की तैयारी कर ही रहे थे कि तब तक लेबर पार्टी की सरकार बन गई। लेबर पार्टी ने हाउस ऑफ लॉ‌र्ड्स में राज परिवार की सीटों की संख्या सीमित कर दी। परिस्थितियां वहां भी उलट गई'। - जूलियन जेम्स गार्डनर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.