जूलियन असांजे के प्रत्यर्पण मामले की लंदन में सुनवाई शुरू, अमेरिका ने की है सौंपने की मांग
विकिलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे (WikiLeaks founder Julian Assange) के प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई लंदन की अदालत में सोमवार से शुरू हो गई।
लंदन, एजेंसियां। विकिलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे (WikiLeaks founder Julian Assange) के प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई लंदन की अदालत में सोमवार से शुरू हो गई। अमेरिका ने जासूसी मामले में उनका प्रत्यर्पण मांगा है। अमेरिकी अभियोजकों ने उन पर ये आरोप लगाए हैं कि उन्होंने सरकारी कंप्यूटरों को हैक करने की साजिश रची और गोपनीय दस्तावेज जारी करने संबंधी जासूसी कानून का उल्लंघन किया।
क्रिमिनल केस चलाना चाहता है अमेरिका
अमेरिका चाहता है कि देश में लाकर उन पर इन आपराधिक आरोपों में मुकदमा चलाया जाए। इन आरोपों के साबित होने पर अधिकतम 175 साल तक जेल की सजा हो सकती है। असांजे सोमवार की सुनवाई में पहुंचे और अमेरिका प्रत्यर्पण से इन्कार किए जाने की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि उनके खिलाफ आरोप राजनीति से प्रेरित हैं। उनके वकीलों ने यह दलील दी कि अमेरिका में निष्पक्ष सुनवाई की उम्मीद नहीं है।
आत्महत्या का खतरा
ऑस्ट्रेलिया में जन्मे 49 वर्षीय असांजे को अगर अमेरिका भेजा गया तो उनकी आत्महत्या का खतरा होगा। असांजे के प्रत्यर्पण के इस मामले की सुनवाई गत फरवरी में शुरू होनी थी, लेकिन कोरोना महामारी के चलते इसे टाल दिया गया था। वह इस समय लंदन की एक जेल में हैं। असांजे वर्ष 2010 में उस समय सुर्खियों में आ गए थे, जब विकिलीक्स ने अमेरिकी सेना के कई गोपनीय दस्तावेज जारी किए थे।
कोर्ट के बाहर जमा रहे समर्थक
लंदन की अदालत में असांजे मामले की सुनवाई के दौरान बड़ी संख्या में उनके समर्थक भी पहुंचे। कोर्ट के बाहर जमा हुए समर्थकों में फैशन डिजाइनर विवियन वेस्टवूड और असांजे की महिला मित्र स्टेला मोरिस भी मौजूद थीं। अमेरिकी न्याय विभाग के नए अभियोग के अनुसार, जूलियन असांजे ने 'गुमनाम' और 'लल्जसेक' समूहों से जुड़े हैकर्स के साथ मिलकर साजिश रची, जो दुनिया भर के कई साइबर हमलों से जुड़े हैं।