Move to Jagran APP

एनआरसी समन्वयक के नए आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील

जमीयत उलेमा-ए हिंद ने कहा है कि पिछले साल जब एनआरसी की सूची का आंशिक प्रकाश हुआ था तब राज्य सरकार ने उन लोगों का दोबारा सत्यापन कराने की मांग की थी जिनके रिश्तेदारों के नाम सूची में नहीं थे।

By Manish PandeyEdited By: Published: Mon, 26 Oct 2020 07:40 AM (IST)Updated: Mon, 26 Oct 2020 07:40 AM (IST)
एनआरसी समन्वयक के नए आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील
NRC समन्वयक के नए आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील

नई दिल्ली, आइएएनएस। जमीयत उलेमा-ए हिंद (जेयूएच) ने आरोप लगाया है कि असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) से मुस्लिमों को बाहर रखने का खेल चल रहा है। जेयूएच ने एनआरसी पर राज्य के समन्वयक हितेश देव सरमा के नए आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है।

loksabha election banner

याचिका में कहा गया है कि सरमा ने राज्य के सभी डिस्टि्रक्ट रजिस्ट्रार ऑफ सिटीजन रजिस्ट्रेशन (डीआरएसआर) को 13 अक्टूबर को अधिसूचना जारी की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि ऐसा संज्ञान में आया है कि बहुत से अवैध नागरिकों और उनके पूर्वजों के नाम एनआरसी में कर दिए गए हैं, जिनकी या तो पहचान संदिग्ध है या वो मतदाता नहीं हैं या जो विदेशी नागरिक घोषित किए जा चुके हैं। उन्होंने ऐसे लोगों के नाम एनआरसी की अंतिम सूची से हटाने को कहा है।

जेयूएच ने कहा है कि पिछले साल जब एनआरसी की सूची का आंशिक प्रकाश हुआ था, तब राज्य सरकार ने उन लोगों का दोबारा सत्यापन कराने की मांग की थी, जिनके रिश्तेदारों के नाम सूची में नहीं थे। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी मांग खारिज करते हुए कहा था कि दोबारा सत्यापन या एनआरसी की जरूरत नहीं है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.