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तापस प्रकरण में न्यायाधीशों में मतभेद

तृणमूल कांग्रेस के सांसद तापस पाल मामले पर कलकत्ता हाई कोर्ट में डिवीजन बेंच के दो न्यायाधीशों के आपसी मतभेद के बाद सिंगल बेंच के निर्देश पर फिर से तीन सप्ताह के लिए स्थगन लगा दिया गया है। मतभेद के कारण तापस मामले पर बुधवार को कोई फैसला नहीं लिया गया और अब मामले को प्रधान न्यायाधीश की अदालत में भेज

By Edited By: Published: Wed, 13 Aug 2014 07:57 PM (IST)Updated: Wed, 13 Aug 2014 07:57 PM (IST)
तापस प्रकरण में न्यायाधीशों में मतभेद

कोलकाता, जागरण संवाददाता। तृणमूल कांग्रेस के सांसद तापस पाल मामले पर कलकत्ता हाई कोर्ट में डिवीजन बेंच के दो न्यायाधीशों के आपसी मतभेद के बाद सिंगल बेंच के निर्देश पर फिर से तीन सप्ताह के लिए स्थगन लगा दिया गया है। मतभेद के कारण तापस मामले पर बुधवार को कोई फैसला नहीं लिया गया और अब मामले को प्रधान न्यायाधीश की अदालत में भेजा जाएगा। वहां से प्रधान न्यायाधीश तृतीय न्यायाधीश को नियुक्त करेंगे फिर मामले की नए रुप में सुनवाई होगी। अदालत से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश गिरीश गुप्ता ने कहा कि तापस मामले में न तो अदालत की निगरानी की जरुरत है और न ही सीआइडी जांच की कोई आवश्यकता है बल्कि राज्य पुलिस ही मामले की जांच करेगी। न्यायाधीश गिरीश गुप्ता के इस निर्देश अन्य न्यायाधीश तपोब्रत चक्रवर्ती ने असहमति जाहिर की। दोनों न्यायाधीशों के इस मतभेद के बाद अब मामले को प्रधान न्यायाधीश की अदालत में भेजा जा रहा है।

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गौरतलब है कि जून महीने में नदिया में आयोजित एक के बाद एक सभा में कृष्णानगर के तृणमूल सांसद तापस पाल ने महिलाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी जिसको लेकर विवाद शुरू हुआ था। काफी विवाद के बाद तापस पाल ने अपनी पार्टी के समक्ष पत्र के माध्यम से माफी भी मांगी थी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी उसका बचाव किया था। लेकिन मामला कलकत्ता हाईकोर्ट तक पहुंच गया था।

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