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गुजरात के नरोदा गाम दंगे की सुनवाई कर रहे जज का तबादला, इस केस में पूर्व मंत्री कोडनानी भी आरोपित

जज दवे नरोदा गाम दंगे में अंतिम बहस की सुनवाई कर रहे थे। पूर्व मंत्री कोडनानी के वकील ने पिछले ही सप्ताह अपनी जिरह शुरू की थी।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 08 Mar 2020 10:09 PM (IST)Updated: Sun, 08 Mar 2020 10:09 PM (IST)
गुजरात के नरोदा गाम दंगे की सुनवाई कर रहे जज का तबादला, इस केस में पूर्व मंत्री कोडनानी भी आरोपित
गुजरात के नरोदा गाम दंगे की सुनवाई कर रहे जज का तबादला, इस केस में पूर्व मंत्री कोडनानी भी आरोपित

अहमदाबाद, प्रेट्र। गुजरात हाई कोर्ट ने वर्ष 2002 के नरोदा गाम दंगे की सुनवाई कर रहे विशेष एसआइटी जज एमके दवे का तबादला प्रधान जिला न्यायाधीश वलसाड के पद पर कर दिया है। इस दंगे में गुजरात की तत्कालीन नरेंद्र मोदी सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री रहीं माया कोडनानी भी आरोपित हैं। यह दंगा गोधरा कांड के बाद हुआ था।

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एसके बक्शी होंगे अहमदाबाद सिविल कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश

शुक्रवार को जारी अधिसूचना के अनुसार, 'अहमदाबाद सिविल कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश एमके दवे का तबादला वलसाड जिले के प्रधान न्यायाधीश पद पर किया गया है। उनकी जगह पर एसके बक्शी को नियुक्त किया गया है, जो अब तक भावनगर के प्रधान जिला न्यायाधीश थे।' जज दवे नरोदा गाम दंगे में अंतिम बहस की सुनवाई कर रहे थे। पूर्व मंत्री कोडनानी के वकील ने पिछले ही सप्ताह अपनी जिरह शुरू की थी।

नरोदा गाम दंगे की सुनवाई में जिरह पूरी हो चुकी

इस मामले में अभियोजन और कई आरोपितों के वकील की जिरह पूरी हो चुकी है। जज दवे के तबादले के बाद अब संभव है कि नए जज को सुनवाई के अंतिम दौर की सभी दलीलें नए सिरे से सुननी पड़ें। कोर्ट ने इस मामले में फरवरी 2018 से बयान दर्ज करने शुरू किए थे। इससे पहले मामले की सुनवाई कर रहे प्रधान सत्र न्यायाधीश बीपी देसाई दिसंबर 2017 में सेवानिवृत्त हो गए थे। जज दवे उन 18 प्रधान जिला न्यायाधीशों में से एक हैं, जिनका स्थानांतरण गुजरात हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने किया है। उन्होंने 17 डिवीजन के सत्र न्यायाधीश भी नियुक्त किए हैं।

नरोदा गाम दंगा गोधरा कांड के बाद हुआ था, अल्पसंख्यक समुदाय के 11 लोग मारे गए थे

नरोदा गाम दंगा गोधरा कांड के बाद हुए उन नौ प्रमुख दंगों में से है, जिनकी जांच हाई कोर्ट की तरफ से गठित विशेष जांच दल (एसआइटी) ने की थी। इस दंगे में अहमदाबाद के नरोदा गाम क्षेत्र में अल्पसंख्यक समुदाय के 11 सदस्य मारे गए थे। इसमें कुल 82 लोग आरोपित हैं।


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