दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष का इस्तीफा, माकन-हारून व लवली दावेदार
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। विधानसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार की जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि पार्टी हाईकमान ने उनका इस्तीफा स्वीकार करने की घोषणा नहीं की है। अग्रवाल ने पिछले साल भी दिल्ली नगर निगम के चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी हाईकमा
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। विधानसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार की जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि पार्टी हाईकमान ने उनका इस्तीफा स्वीकार करने की घोषणा नहीं की है।
अग्रवाल ने पिछले साल भी दिल्ली नगर निगम के चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी हाईकमान को इस्तीफा भेजा था, लेकिन उसे स्वीकार नहीं किया गया था। बताया गया है कि इस बार आठ दिसंबर को दिल्ली विधानसभा का चुनाव परिणाम आने के 24 घंटे के भीतर ही अग्रवाल ने अपना इस्तीफा पार्टी हाईकमान को भेज दिया। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार उनका इस्तीफा स्वीकार किया जा सकता है। पार्टी सूत्रों की मानें, तो दिल्ली की करारी हार के बाद पार्टी हाईकमान प्रदेश संगठन में भारी फेरबदल की तैयारी में है। अग्रवाल को छह साल पहले प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था।
उनके पद ग्रहण करने के कुछ ही महीने बाद विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने शानदार जीत दर्ज की थी और वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में भी पार्टी ने दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीटों पर कब्जा जमा लिया था। खुद अग्रवाल भी उत्तर-पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से सांसद बने, लेकिन उसके बाद से हुए चुनाव में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेसी नेताओं के बीच यह चर्चा जोरों पर है कि जिस प्रकार विधानसभा चुनाव में दिल्ली के मुस्लिम समुदाय ने कांग्रेस का साथ दिया, उसे देखते हुए पार्टी नवनिर्वाचित विधायक व शीला दीक्षित सरकार में ऊर्जा मंत्री रहे हारून यूसुफ को प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंप सकती है। इस लाइन में गांधी नगर के विधायक व शहरी विकास मंत्री रहे अरविंदर सिंह लवली का नाम भी चर्चा में है।
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सियासी गलियारों में चर्चा इस बात की भी है कि क्या कांग्रेस हाईकमान एक बार फिर से शीला दीक्षित को दिल्ली में पार्टी को खड़ा करने का मौका दे सकता है? ज्यादातर नेताओं का मानना है कि दीक्षित को अब केंद्रीय स्तर पर भूमिका दी जाएगी। ऐसे में हारून या लवली से पहले अजय माकन का नाम है। माकन पहले से ही केंद्रीय राजनीति में हैं, लेकिन दिल्ली में शीला दीक्षित की हार और उन्हें केंद्र में भेजे जाने की सूरत में माकन दिल्ली के लिए हाईकमान की पहली पसंद हो सकते हैं।
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