Move to Jagran APP

कर्नाटक बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए साथ आए RSS और मुस्लिम संगठन

बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए आरएसएस की और मुसलमानों द्वारा संचालित गैर सरकारी संगठन द्वारा एक संयुक्त राहत व बचाव अभियान चलाया जा रहा है।

By Arti YadavEdited By: Published: Sat, 25 Aug 2018 02:15 PM (IST)Updated: Sat, 25 Aug 2018 02:51 PM (IST)
कर्नाटक बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए साथ आए RSS और मुस्लिम संगठन
कर्नाटक बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए साथ आए RSS और मुस्लिम संगठन

कोडागू (प्रेट्र)। केरल के अलावा कर्नाटक में भी बारिश और बाढ़ से हालात बेहद खराब हैं। कर्नाटक में अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य के कोडागु में बाढ़ का कहर सबसे अधिक बताया जा रहा है। हाल ही में आई रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस जिले से करीब 4,320 असहाय लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया था। राज्य में खोज अभियान लगभग खत्म हो चुका है, लेकिन राहत एवं पुनर्वास राज्य सरकार के सामने बड़ी चुनौती बन चुका है। इन लोगों की मदद के लिए आरएसएस की सेवा भारती और मुसलमानों द्वारा संचालित गैर सरकारी संगठन, उस्मानिया चैरिटेबल ट्रस्ट (भद्रावती) द्वारा एक संयुक्त राहत व बचाव अभियान चलाया जा रहा है, जो लोगों की हर संभव मदद कर रहा है।

loksabha election banner

राहत शिविर में रह रही कोडागु की निवासी अंजली ने कहा कि अब हम बहुत राहत और आत्मविश्वास महसूस कर रहे हैं। इससे पहले हमें कोई उम्मीद नहीं बची थी। तभी हमारे बीच सेवा भारती और उस्मानिया चैरिटेबल ट्रस्ट के लोग आए और उन्होंने यहां राहत और बचाव अभियान चलाया, जिससे कई लोगों को मदद मिली। अंजलि ने बताया कि उन्होंने हमें बचाया और यहां राहत शिविर में लेकर आए। इनमें कुछ वृद्ध भी शामिल थे। इस दौरन गंदे और फिसलन वाले इलाकों से गुजरना और पहाड़ियों की ढलानों के नीचे आने वाली धाराओं को पार करना काफी चुनौतीपूर्ण था। अंजलि ने आगे बताया कि आज भी जब मैं उस समय को याद करती हूं, तो डर जाती हूं। लेकिन जब हम सुबह ध्यान और योग करते हैं, तो हम सब में एक नई आशा जन्म लेती है। मैं एक ईसाई हूं फिर भी प्रतिदिन 'ओम' का जाप करती हूं।

कर्नाटक में आई बाढ़ में कई लोगों के घर तबाह हो गए हैं। पुनर्वास इन लोगों के लिए सबसे बड़ी समस्या है। बाढ़ पीड़ित लक्ष्मी ने कहा, 'मेरा पूर घर गिर गया है। मुझे उम्मीद है कि सरकार मेरे जैसे लोगों की मदद करेगी।' सेवा भारती और उस्मानिया चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा लगभग 1,000 परिवारों को राहत सामग्री प्रदान की गई। उस्मानिया चैरिटेबल ट्रस्ट के महासचिव मुसावीर बाशा ने कहा कि उन्होंने चावल के पैकेट, पानी की बोतलें, बिस्कुट, मुफ्त एम्बुलेंस सेवा, प्राथमिक चिकित्सा किट इत्यादि के लिए 5 लाख रुपये खर्च किए हैं।

बाशा और ट्रस्ट के पांच अन्य सदस्यों ने मदिकेरी में आरएसएस शिविर का दौरा किया और संयुक्त अभियान का प्रस्ताव दिया। दोनों संगठनों ने 21 अगस्त से 24 अगस्त तक बचाव और राहत कार्यों में हिस्सा लिया। आरएसएस के एनजीओ के साथ काम करने पर उस्मानिया चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष जेबीटी बाबू ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने 10 लोगों को बचाया। उन्होंने कहा कि वे (सेवा भारती) बहुत दयालु हैं और उन्होंने हमारे स्वयंसेवकों को सम्मान दिया। कोडागु जिले में आरएसएस प्रचारक अविनाश ने कहा कि फंसे हुए लोगों तक पहुंचने के लिए मिलकर काम करने वाले दोनों संगठन एकजुटता और सामाजिक सद्भाव का मार्ग दिखाते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.