आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में लगातार बढ़ रहे नौकरियों के मौके, रेडक्रास जैसे संगठन में कर सकते हैं काम
आपदा प्रबंधन एक चुनौतीपूर्ण फील्ड है जहां जरूरत पड़ने पर लोगों की जानमाल बचाते समय खतरों से भी खेलना पड़ता है। इसलिए आपदा प्रबंधन के प्रोफेशनल्स में साहसिक प्रवृत्ति के साथ-साथ उनमें समाजसेवी भावना होनी चाहिए तभी इस फील्ड का आनंद उठा पाएंगे।
नई दिल्ली, जेएनएन। पिछले दिनों उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से आयी भारी तबाही के बीच राहत अभियान में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, स्थानीय प्रशासन तथा पुलिस की बड़ी भूमिका देखी गयी। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, पिछले 20 सालों में प्राकृतिक आपदाओं में तेजी से वृद्धि हुई है। इस मामले में अमेरिका और चीन के बाद भारत तीसरे स्थान पर है। हर साल इन आपदाओं में हो रही क्षति को देखते हुए आपदा प्रबंधन में प्रशिक्षित युवाओं की काफी जरूरत देखी जा रही है, जो मुश्किल परिस्थितियों से निपटने में कुशल होते हैं...
आपदा प्रबंधन की पढ़ाई के बाद सरकारी और गैर-सरकारी दोनों तरह के संस्थानों में ऐसे प्रोफेशनल्स को नौकरियों में काफी प्राथमिकता दी जा रही है। सरकारी क्षेत्रों में केंद्र सरकार की नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथारिटी के अलावा राज्य सरकारों के आपदा प्रबंधन विभाग, अग्निशमन विभाग के अलावा केमिकल, खनन व पेट्रोलियम जैसे रिस्क वाले जगहों पर अभी इनकी सबसे अधिक जरूरत देखी जा रही है, जहां कंसल्टेंट, सिक्युरिटी एडमिनिस्ट्रेटर, सिक्युरिटी एनालिस्ट, सिक्युरिटी सुपरवाइजर जैसे पदों पर नौकरी पायी जा सकती है। इसके अलावा, यूनिसेफ, रेडक्रास जैसी तमाम अंतरराष्ट्रीय संगठनों से लेकर तमाम एनजीओज में इस पृष्ठभूमि के लोगों के लिए काफी मौके हैं। यहां आपदा प्रबंधन इंस्टीट्यूट में अध्यापन और सामाजिक कार्यकर्ता बनने का भी विकल्प है।
आपदा प्रबंधन एक चुनौतीपूर्ण फील्ड है, जहां जरूरत पड़ने पर लोगों की जानमाल बचाते समय खतरों से भी खेलना पड़ता है। इसलिए आपदा प्रबंधन के प्रोफेशनल्स में साहसिक प्रवृत्ति के साथ-साथ उनमें समाजसेवी भावना होनी चाहिए, तभी इस फील्ड का आनंद उठा पाएंगे। अभी विश्वविद्यालयों व शिक्षण-प्रशिक्षण संस्थानों में आपदा प्रबंधन में स्नातक, परास्नातक तथा पीजी डिप्लोमा जैसे कोर्स ऑफर किये जा रहे हैं, जिसके लिए न्यूनतम योग्यता के रूप में स्नातक होना चाहिए।
सैलेरी
आपदा प्रबंधन में कुशल लोगों को शुरुआत में ही 20 से 25 हजार रुपये तक की सैलरी आसानी से मिल जाती है। प्रबंधन जैसे पदों पर यह सैलरी 50 हजार से एक लाख रुपये या इससे भी अधिक हो सकती है।
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेसिंग, देहरादून (www.iins-nrsc.gov.in)
- सेंटर फॉर डिजास्टर मैनेजमेंट स्टडीज, नेपाल (www.cdms.org.np)
- ज्फायर, सेफ्टी ऐंड डिजास्टर मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट, गुजरात (www.fsdmi.ac.in)
- डेल्ही कॉलेज ऑफ फायर सेफ्टी इंजीनियरिंग, दिल्ली (www.dcfse.com)
- डेल्ही इंस्टीट्यूट ऑफ फायर इंजीनियरिंग, दिल्ली (www.dife.in)