झामुमो विधायकों ने सीएम रघुबर दास को दिखाया काला झंडा
राज्य कैबिनेट द्वारा गुरुवार को पारित स्थानीय आवास नीति के विरोध में झामुमो विधायकों ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को शनिवार को यहां काला झंडा दिखाया। मौके पर मुख्यमंत्री के समर्थन में उतरे भाजपा कार्यकर्ताओं संग झामुमो का टकराव पुलिस की तत्परता से टल गया।
रांची : राज्य कैबिनेट द्वारा गुरुवार को पारित स्थानीय आवास नीति के विरोध में झामुमो विधायकों ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को शनिवार को यहां काला झंडा दिखाया। मौके पर मुख्यमंत्री के समर्थन में उतरे भाजपा कार्यकर्ताओं संग झामुमो का टकराव पुलिस की तत्परता से टल गया। बाद में झामुमो के वरिष्ठ विधायक चंपई सोरेन सहित तीन अन्य विधायकों ने घोषणा की कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी विरोध किया जाएगा।
वे 24 अप्रैल को जमशेदपुर आने वाले हैं। इधर रांची में असामाजिक तत्वों ने मुख्यमंत्री रघुवर दास के पोस्टर पर कालिख पोत कर राजनीतिक दलों के बीच विद्वेष फैलाने की साजिश रची जिसे प्रशासन ने तत्परता से विफल कर दिया। पोस्ट हटा दिये गये या उसकी कालिख साफ कर दी गई। भाजपा, कांग्रेस समेत कई राजनीतिक दलों ने इस घटना की भर्त्सना की है।
12 वीं सीनियर राष्ट्रीय तीरंदाजी प्रतियोगिता का उद्घाटन करने खरसावां पहुंचे मुख्यमंत्री रघुवर दास को चांदनी चौक पर दल-बल के साथ विधायक चंपई सोरेन, दशरथ गगराई, शशि सामड एवं जोबा मांझी ने काला झंडा दिखाया। मुख्यमंत्री के पूर्व घोषित कार्यक्रम को देखते हुए चारों झामुमो विधायक पार्टी कार्यालय में जुटे हुए थे। उनको जैसे ही मुख्यमंत्री के आगमन की सूचना मिली, वे अपने कार्यकर्ताओं संग चांदनी चौक पहुंच गए। वहां मुख्यमंत्री का काफिला आते ही झामुमो विधायक और कार्यकर्ता सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए काला झंडा दिखाने लगे।
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इस बीच हैलीपैड से मुख्यमंत्री के साथ बाइक से आ रहे भाजपा कार्यकर्ता सरकार के पक्ष में नारेबाजी करने लगे। टकराव की आशंका भांप कर एसडीपीओ केवी रमण के नेतृत्व में मौके पर मौजूद पुलिस बल ने दोनों पक्षों को संभाल लिया, हालांकि मुख्यमंत्री की वापसी के समय भी झामुमो विधायकों व कार्यकर्ताओं ने काला झंडा दिखाया।
बाद में झामुमो के चारों विधायकों ने प्रेस कांफ्रेंस कर एलान किया कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री का भी विरोध किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 अप्रैल को जमशेदपुर में एक कार्यक्रम में आने वाले हैं। चंपई सोरेन ने कहा कि रघुवर कैबिनेट द्वारा पारित स्थानीय आवास नीति के कई बिंदु आदिवासियों व मूलवासियों की भावनाओं के विपरीत हैं। यह नीति साजिश के तहत बनाई गई है, जिससे झारखंडियों को कोई लाभ नहीं मिलनेवाला। झामुमो इसे बर्दाश्त नहीं करेगा। इसी कारण राज्य के गांव से लेकर शहर तक आंदोलन की शुरुआत हो गई है।
जोबा मांझी ने कहा कि अंतिम सेटलमेंट के आधार यदि स्थानीय नीति बनाई जायेगी तो वह झामुमो को मंजूर होगी। दशरथ गागराई ने कहा कि 1986 से झारखंड में रहनेवालों को स्थानीयता का लाभ दिए जाने का झामुमो विरोध कर रहा है। झारखंड चाहता है कि अंतिम सेटलमेंट के आधार पर ही स्थानीय नीति बनाई जाए।