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दो दुर्दात आतंकी ढेर, गणतंत्र दिवस पर सैन्य काफिले पर हमले की थी योजना

सुरक्षाबलों ने सोमवार को जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर काजीगुंड के पास और त्राल में दो भीषण मुठभेड़ों में हिजबुल मुजाहिद्दीन के जिला कमांडर जावेद अहमद सल्फी सहित दो दुर्दात आतंकियों को मार गिराया। आतंकी सल्फी गणतंत्र दिवस पर सैन्य काफिले को उड़ाने की बड़ी साजिश रचने की फिराक में था।

By Edited By: Published: Mon, 20 Jan 2014 12:22 PM (IST)Updated: Tue, 21 Jan 2014 12:06 AM (IST)
दो दुर्दात आतंकी ढेर, गणतंत्र दिवस पर सैन्य काफिले पर हमले की थी योजना

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। सुरक्षाबलों ने सोमवार को जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर काजीगुंड के पास और त्राल में दो भीषण मुठभेड़ों में हिजबुल मुजाहिद्दीन के जिला कमांडर जावेद अहमद सल्फी सहित दो दुर्दात आतंकियों को मार गिराया। आतंकी सल्फी गणतंत्र दिवस पर सैन्य काफिले को उड़ाने की बड़ी साजिश रचने की फिराक में था। वहीं त्राल मुठभेड़ में मारा गया जैश-ए-मुहम्मद का आतंकी मुजफ्फर राजा गुलाम कश्मीर का रहने वाला था। देर रात तक चली इस मुठभेड़ में हिज्ब का डिवीजनल कमांडर आदिल बच निकला।

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दक्षिण कश्मीर के डीआइजी विजय कुमार ने बताया कि हमें सूचना मिली थी कि हिज्ब कमांडर सल्फी अपने दो साथियों के साथ काजीगुंड के पास स्थित समपोरा गांव में आया हुआ है और वह हाईवे पर सुरक्षाबलों के वाहनों को निशाना बनाते हुए किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की फिराक में है। उसके सभी संपर्क सूत्रों पर लगातार निगाह रखी जा रही थी। सुबह पुलिस और सेना के आरआर के जवानों ने मिलकर उसके ठिकाने की घेराबंदी शुरू की। आतंकियों ने जब जवानों को अपने ठिकाने की तरफ आते देखा तो उन्होंने वहां से भागने का प्रयास करते हुए गोली चलाई। जवानों ने जवाबी कार्रवाई कर उन्हें मुठभेड़ में उलझा लिया। इस दौरान आतंकी गुलाम नबी पर्रे नामक एक ग्रामीण के मकान में दाखिल हो गए।

सुबह आठ बजे शुरू हुई मुठभेड़ के करीब तीन घंटे बाद जावेद सल्फी मारा गया। इस दौरान आतंकी ठिकाना बना मकान भी क्षतिग्रस्त हो गया है। हालांकि स्थानीय लोगों ने दावा किया है कि वहां तीन आतंकी थे, जिनमें से दो भाग निकले हैं, लेकिन डीआइजी ने बताया कि सिर्फ सल्फी ही वहां था। इस बीच, सल्फी के मारे जाने के बाद स्थानीय लोगों ने सुरक्षाबलों के खिलाफ और कश्मीर की आजादी के हक में नारेबाजी भी की।

अनंतनाग के बुलबुलबाग का रहने वाला सल्फी वर्ष 1998 में आतंकी बना था। करीब पांच साल बाद वर्ष 2003 में वह पकड़ा गया और चार साल तक जेल में रहा। वर्ष 2007 में रिहा होने के बाद वह सुरक्षाबलों के लिए काम करने लगा, लेकिन वह आतंकियों के लिए बतौर ओवरग्राउंड वर्कर भी सक्रिय रहा। कुछ ही दिनों बाद वह दोबारा आतंकी संगठन में शामिल हो गया। वर्ष 2009 में वह दोबारा पकड़ा गया और करीब एक साल बाद रिहा होने के बाद उसने फिर हिजब का दामन थाम लिया। गत वर्ष 15 नवंबर को उसने जंगलात मंडी अनंतनाग में एक पुलिसकर्मी पर हमला किया था। हमले के बाद वह पुलिसकर्मी की राइफल भी ले भागा था।

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त्राल मुठभेड़। पुलवामा जिले के अंतर्गत डाडसर गांव के मीर मुहल्ले में हिजबुल के डिवीजनल कमांडर आदिल समेत तीन आतंकियों के छिपे होने की सूचना पर तीन आरआर और पुलिस ने तलाशी अभियान चलाया। आतंकियों ने जवानों को देखते ही फायरिंग कर दी। जवानों ने भी जवाबी फायर किया। शाम सात बजे शुरू हुई मुठभेड़ में देर रात जैश का एक आतंकी मारा गया।

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