अफजल के शव को लेकर जम्मू-कश्मीर विस में हंगाम
जम्मू [जागरण ब्यूरो]। आतंकी अफजल गुरु के शव को कश्मीर भेजे जाने के केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे के इन्कार पर मंगलवार को जम्मू-कश्मीर विधानसभा में जोरदार हंगामा हुआ। सदन में माइक उखाड़ कर फेंके गए तो कुछ सदस्यों ने मेजों पर खड़े होकर नारेबाजी की। विधायकों में टकराव की स्थिति भी पैदा हुई। इसे देखते हुए सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी।
जम्मू [जागरण ब्यूरो]। आतंकी अफजल गुरु के शव को कश्मीर भेजे जाने के केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे के इन्कार पर मंगलवार को जम्मू-कश्मीर विधानसभा में जोरदार हंगामा हुआ। सदन में माइक उखाड़ कर फेंके गए तो कुछ सदस्यों ने मेजों पर खड़े होकर नारेबाजी की। विधायकों में टकराव की स्थिति भी पैदा हुई। इसे देखते हुए सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी।
मंगलवार को सदन में राज्य के प्रमुख विपक्षी दल पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी [पीडीपी] ने अफजल के शव को कश्मीर लाने के लिए सदन में प्रस्ताव पारित किए जाने की मांग की। वहीं, जम्मू स्टेट मोर्चा [जस्मो], भाजपा व पैंथर्स पार्टी ने इस मुददे पर राज्य सरकार द्वारा अलगाववादियों की राह पकड़ने का आरोप लगाते हुए विधानसभा भंग करने की मांग करते हुए नारेबाजी की। शव वापसी पर प्रस्ताव लाने को लेकर पीडीपी विधायकों ने नारे लगाए तो भाजपा, जस्मो व पैंथर्स के विधायकों ने 'हिंदुस्तान के खिलाफ साजिश बंद करो, जम्मू को अलग रियासत बनाओ, सदन की मर्यादा बहाल करो' आदि नारे लगाए। हंगामे के बीच पीडीपी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मौलाना इफितखार हुसैन अंसारी ने अफजल को शहीद अफजल गुरु साहब कहा और उनकी ही पार्टी के निजामदीन भटट ने कहा, 'आज ही फेसला करो कि हमें हिंदुस्तान के साथ रहना है या नहीं।'
हंगामा देख स्पीकर ने 11.38 बजे कार्यवाही को तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले मंगलवार सुबह जैसे ही कार्यवाही शुरु हुई पीडीपी के सभी विधायक, माकपा के मुहम्मद युसुफ तारीगामी व निर्दलीय इंजीनियर रशीद अपनी सीटों पर खडे़ हो गए। उन्होंने सुशील कुमार श्िादे के बयान की निंदा करते हुए विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर अफजल के शव को वापस लाने की मांग की। इसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया। इस पर स्पीकर मुबारक गुल ने सदन को आधे घंटे के लिए स्थगित कर दिया। दोबारा सदन लगा तो फिर नारेबाजी हुई और स्पीकर ने दोबारा सदन आधे घंटे के लिए स्थगित कर दिया। कार्यवाही तीसरी बार शुरू हुई तो भाजपा नेताओं ने जोरदार शब्दों में अफजल को शाहब व शहीद कहे जाने का विरोध किया। इस पर इंजीनियर रशीद समेत कुछ अन्य ने सदन में माइक उछाले, जिसपर स्पीकर ने कार्यवाही दोपहर बाद तक स्थगित कर दी।
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