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    Hate Speech Case: हरिद्वार धर्म संसद मामले में भड़काऊ भाषण देने वाले जितेन्द्र नारायण त्यागी को मिली जमानत

    By Mahen KhannaEdited By:
    Updated: Tue, 13 Sep 2022 02:53 AM (IST)

    Haridwar Dharma Sansad Case सुप्रीम कोर्ट ने जितेन्द्र नारायण त्यागी को निचली अदालत में शप पत्र दाखिल करने को कहा है। कोर्ट ने इसी के साथ मीडिया में बयान देने से बचने व भड़काऊ गतिविधियों में लिप्त न होने का भी निर्देश दिया है।

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    जितेन्द्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी को जमानत

    नई दिल्ली, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट ने मुसलमानों के खिलाफ कथित भड़काऊ भाषण देने से जुड़े हरिद्वार धर्म संसद मामले में एक आरोपित जितेन्द्र नारायण त्यागी को सोमवार को जमानत दे दी। त्यागी को पूर्व में वसीम रिजवी के नाम से जाना जाता था। जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ ने त्यागी को निचली अदालत में यह शपथपत्र दाखिल करने को कहा कि वह इलेक्ट्रानिक मीडिया में या इंटरनेट मीडिया पर बयान नहीं देंगे और प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से इस तरह की गतिविधियों में आगे शामिल नहीं होंगे।

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    तीन दिन के अंदर निचली अदालत में होगी पेशी

    पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता को तीन दिन के अंदर निचली अदालत में पेश किया जा सकता है और गिरफ्तारी बाद की जमानत पर रिहा किया जाए, जो संबद्ध निचली अदालत के संतुष्ट होने पर निर्भर करेगा। साथ ही, जमानत से जुड़े उपरोक्त नियम व शर्तों को ध्यान में रखते हुए शपथपत्र दाखिल करना होगा।

    शर्त का उल्लंघन करने पर फिर हो सकती गिरफ्तारी

    पीठ ने कहा कि यदि याचिकाकर्ता जमानत की किसी भी शर्त का उल्लंघन करता है तो प्रतिवादी/अभियोजन को जमानत रद कराने के लिए अर्जी दायर करने की छूट होगी। शीर्ष अदालत ने त्यागी को आत्मसमर्पण करने के लिए मेडिकल आधार पर दी गई अंतरिम जमानत की अवधि को बढ़ाने से 29 अगस्त को इन्कार कर दिया था। कोर्ट ने सात मई को त्यागी को तीन महीने की अंतरिम जमानत दी थी।

    यह है पूरा मामला

    बता दें कि त्यागी और अन्य के खिलाफ मामला दो जनवरी को ज्वालापुर हरिद्वार, उत्तराखंड के निवासी नदीम अली द्वारा हरिद्वार कोतवाली में एक शिकायत दायर किये जाने पर दर्ज किया गया था। उन्होंने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि पिछले साल 17 से 19 दिसंबर तक हरिद्वार में साधु-संतों द्वारा आयोजित धर्म संसद की आड़ में प्रतिभागियों ने मुस्लिमों के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिए थे।