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5 साल से पाक जेल में है जितेंद्र, विदेश मंत्रालय की पहल से रिहाई संभव

पांच साल पहले दिमागी रूप से कमजोर जितेंद्र घर से भाग गया था और कुछ महीनों तक भटकता हुआ भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा तक पहुंच गया था।

By Monika MinalEdited By: Published: Sat, 07 Apr 2018 07:58 AM (IST)Updated: Sat, 07 Apr 2018 10:39 AM (IST)
5 साल से पाक जेल में है जितेंद्र, विदेश मंत्रालय की पहल से रिहाई संभव
5 साल से पाक जेल में है जितेंद्र, विदेश मंत्रालय की पहल से रिहाई संभव

सिवनी (नई दुनिया)। भारत-पाकिस्तान सीमा पर पकड़े गए सिवनी जिले के बरघाट निवासी जितेंद्र अर्जुनवार ([22)] की भारतीय नागरिकता के दस्तावेज भारत सरकार ने पाकिस्तान विदेश मंत्रालय को भेज दिए हैं। इसी के साथ 5 साल से पाकिस्तान की कराची जेल में बंद जितेंद्र अर्जुनवार को स्वदेश लाने की कार्रवाई तेज हो गई है।

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...बढ़ी रिहाई की संभावना

विदेश मंत्रालय की पहल पर जितेंद्र की रिहाई हो सकती है। हाल ही में सिवनी एसपी तरण नायक ने जितेंद्र की नागरिकता प्रमाणित कर दस्तावेज गृह और विदेश मंत्रालय को भेजे थे। दूसरी बार भेजे गए दस्तावेज नायक ने बताया कि जितेंद्र के भारतीय नागरिकता संबंधी दस्तावेज कुछ माह पहले भी विदेश मंत्रालय को भेजे गए थे लेकिन इसमें कुछ कमियां थीं। मंत्रालय ने इन्हें दूर कर फिर से भेजने के निर्देश दिए थे। इसी के तहत 4 अप्रैल को दस्तावेज फिर गृह व विदेश मंत्रालय को भेजे गए हैं।

भटकता हुआ पाकिस्तान पहुंचा था जितेंद्र

12 अगस्त 2013 को पाकिस्तान के खोखरापार में जितेंद्र को पाक रेंजरों ने पकड़ा था। घर से भागा जितेंद्र कुछ महीनों तक भटकता हुआ भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा तक पहुंच गया था। दिमागी रूप से कमजोर जितेंद्र कई अन्य बीमारियों से भी पीड़ित है। वह उर्दू और अंग्रेजी दोनों भाषाएं जानता है।

वर्ष 2002 में बिना बताए निकला था घर से

जितेंद्र का परिवार बरघाट के मानेगांव मार्ग क्षेत्र में रहता है। आर्थिक तंगी से जूझ रहे परिवार में जितेंद्र की बुजुर्ग मां पार्वती बाई, छोटा भाई भरत और बहन तरणा हैं। भरत मोटर मैकेनिक है। साल 2002 में जितेंद्र बिना बताए घर से चला गया था। 2012 में दस साल बाद वह लौटकर आया। छह माह घर में रहने के बाद वह फिर बिना घर से चला गया था। कम प़़ढाई के बावजूद जितेंद्र अच्छी अंग्रेजी बोल लेता है।


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