जिस्म-2 के बाद अब वासेपुर-2 का यू-टर्न
नई दिल्ली। जिस्म-2 और वासेपुर-2 में क्या समानता है? अभी तो आपने फिल्म ही नहीं देखी है तो फिर समानता-असमानता पर कोई राय कैसे देंगें। हां, यदि आपने इन दोनों फिल्मों के प्रोमो देखे होंगे तो फिर आपको मुंह खोलने में देर नहीं लगेगी। देखे हैं क्या? अरे भाई, यदि आप नेट-प्रेमी नहीं होते तो मान लिया जाता कि नहीं देखे होंगे, क्योंकि टीवी पर तो ये उ
नई दिल्ली। जिस्म-2 और वासेपुर-2 में क्या समानता है? अभी तो आपने फिल्म ही नहीं देखी है तो फिर समानता-असमानता पर कोई राय कैसे देंगें। हां, यदि आपने इन दोनों फिल्मों के प्रोमो देखे होंगे तो फिर आपको मुंह खोलने में देर नहीं लगेगी। देखे हैं क्या? अरे भाई, यदि आप नेट-प्रेमी नहीं होते तो मान लिया जाता कि नहीं देखे होंगे, क्योंकि टीवी पर तो ये उपलब्ध भी नहीं हैं। यही समानता है इन दोनों फिल्मों की।
जी हां, दोनों फिल्मों का विज्ञापन टीवी पर नहीं बल्कि यू-ट्यूब पर किया जा रहा है। कारण साफ है। टीवी पर यह किया भी नहीं जा सकता है क्योंकि केवल व्यस्कों के लिए जो है। फिल्म को सेंसर से ए सर्टिफिकेट मिला है। कुछ दृश्यों, डायलॉग और गानों पर तो सेंसर ने सीधे कैची चला दी है। यानी ये अनसेंसर्ड चीजें टीवी पर तो कतई नहीं दिखाई जा सकती हैं। लेकिन यदि फिल्म निर्माता वही प्रोमो नहीं दिखा पाएंगे, जो ऑडियंस को खींचने के लिए ही बनाए गए हैं, तो फिल्म की पब्लिसिटी हो गई खूब। लिहाजा जिस्म-2 की निर्माता पूजा भंट्ट ने तरीका खोज निकाला और टीवी की जगह यू-ट्यूब पर अनसेंसर्ड प्रोमो जारी कर दिया। पूजा की तो चल पड़ी और सनी लियोन-भूपेंद्र हुड्डा का गर्मागर्म सॉंग वाला प्रोमो यू-ट्यूब पर रातों-रात हिट हो गया। अब यही यू-टर्न वासेपुर-2 के निर्माता अनुराग कश्यप ने लिया है। उन्होंने वासेपुर-2 के खौफनाक गालियों से भरपूर संवादों को यू-ट्यूब पर जारी कर दिया है। उनका भी वही तर्क है, जो पूजा भंट्ट का था। दोनों कहते हैं कि उन्होंने एक खास ऑडियंस को ध्यान में रखते हुए ये फिल्में बनाई हैं और यदि वह उस दर्शक वर्ग तक इसका प्रचार करने में नाकाम रहे तो फिल्म क्या खाक बिजनेस करेगी।
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