जिन्ना हाउस मालिकाना हक केस में नुस्ली वाडिया बने याचिकाकर्ता
बांबे हाई कोर्ट ने दी इजाजत, अपनी दिवंगत मां की तरफ से कानूनी लड़ाई लड़ेंगे।
मुंबई, प्रेट्र। देश के दिग्गज कारोबारी व वाडिया समूह के प्रमुख नुस्ली नेविल वाडिया मुंबई स्थित जिन्ना हाउस के मालिकाना हक को लेकर चल रही कानूनी लड़ाई में अब अपनी दिवंगत मां दीना वाडिया की जगह याचिकाकर्ता होंगे। बांबे हाई कोर्ट ने इसकी इजाजत प्रदान कर दी है। वह पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना के पोते हैं। उनकी मां जिन्ना की एकमात्र संतान थीं। दीना ने अपने पिता द्वारा बनवाए गए जिन्ना हाउस के मालिकाना हक को लेकर हाई कोर्ट में मुकदमा दायर कर रखा था।
जस्टिस रणजीत मोरे और न्यायमूर्ति अंजू प्रभु देसाई की पीठ ने उपरोक्त मामले में दिवंगत दीना वाडिया की जगह उनके बेटे नुस्ली को याचिकाकर्ता बनाने का आदेश दिया। नुस्ली वाडिया ने याचिकाकर्ता बनाए जाने को लेकर अदालत में अर्जी दायर कर रखी थी। हाई कोर्ट की पीठ ने इस पर बुधवार को निर्णय लिया। कोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से पेश वकील अद्वैत सेठना ने नुस्ली की अर्जी का विरोध किया गया।
ध्यान रहे जिन्ना की बेटी और नुस्ली की मां दीना वाडिया का पिछले वर्ष निधन हो गया था। उन्होंने दक्षिण मुंबई में मालाबार हिल पर बने भव्य जिन्ना हाउस के मालिकाना हक को लेकर अगस्त 2007 में अदालत का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि वह ही मुहम्मद अली जिन्ना की एकमात्र कानूनी वारिस हैं और इस कारण जिन्ना हाउस पर उनका हक है। उल्लेखनीय है कि जिन्ना हाउस को लेकर दीना वाडिया और केंद्र सरकार के बीच लंबी कानूनी लड़ाई जारी है। 2 नवंबर, 2017 को 98 वर्ष की उम्र में दीना वाडिया का न्यूयार्क में निधन हो जाने के बाद उनके बेटे ने मामले में याचिकाकर्ता बनाए जाने के लिए बांबे हाई कोर्ट में अर्जी दायर की थी।
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