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दिसंबर के वेतन और आगे के वादे पर जेट के पायलटों ने विमान न उड़ाने का फैसला 15 तक टाला

चुनौतियों से जूझ रही जेट एयरवेज के प्रबंधन के आश्वासनों पर उसके पायलटों ने विमान न उड़ाने के अपने फैसले को फिलहाल 15 अप्रैल तक के लिए टाल दिया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 31 Mar 2019 09:06 PM (IST)Updated: Sun, 31 Mar 2019 09:06 PM (IST)
दिसंबर के वेतन और आगे के वादे पर जेट के पायलटों ने विमान न उड़ाने का फैसला 15 तक टाला
दिसंबर के वेतन और आगे के वादे पर जेट के पायलटों ने विमान न उड़ाने का फैसला 15 तक टाला

नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। समस्याग्रस्त जेट एयरवेज के प्रबंधन ने अपने पायलटों को दिसंबर का बकाया 87.50 फीसद वेतन तत्काल देने तथा बाकी तीन माह का लंबित वेतन बाद में धीरे-धीरे देने का वादा किया है। जिसके बाद जेट एयरवेज के पायलटों ने विमान न उड़ाने के अपने फैसले को फिलहाल 15 अप्रैल तक के लिए टाल दिया है। जेट एयरवेज के पायलटों के संगठन नेशनल एविएटर्स गिल्ड 'नाग' ने रविवार को दिल्ली और मुंबई में हुई बैठकों के बाद इस निर्णय का ऐलान किया।

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जेट एयरवेज के 1600 पायलटों में 1100 नाग के सदस्य हैं। पिछले महीने नाग ने घोषणा की थी कि अगर उनका लंबित बकाया वेतन नहीं मिला अथवा प्रबंधन की ओर से 31 मार्च तक इस विषय में कोई स्पष्ट आश्वासन नहीं दिया जाता तो वे 1 अप्रैल से विमान नहीं उड़ाएंगे और छुट्टी पर चले जाएंगे।

जेट एयरवेज के पायलटों, इंजीनियरों और वरिष्ठ अधिकारियों को पिछले वर्ष अगस्त से नियमित रूप से वेतन नहीं हो रहा है। जबकि पिछले चार महीने से ये लगभग रुक ही गया है। बीते शुक्रवार को जेट एयरवेज के 200 पायलटों ने सीईओ विनय दुबे को अलग-अलग पत्र लिखकर अपनी दारुण स्थिति से अवगत कराया था। साथ ही आगे की रणनीति पर विचार करने के लिए आज रविवार को दिल्ली और मुंबई में अपने सदस्यों की बैठक बुलाई थी। जेट के इंजीनियरों ने भी अप्रैल से काम बंद करने की चेतावनी दी थी।

पायलटों और इंजीनियरों के आक्रोश को देखते हुए सीईओ दुबे ने शनिवार को बयान जारी कर उन्हें दिसंबर का वेतन तुरंत देने और बाकी वेतन का भी शीघ्र भुगतान का आश्वासन दिया। अपने बयान में दुबे ने लिखा, 'निदेशक मंडल तथा प्रबंधन टीम भारतीय ऋणदाताओं के समूह के साथ तय समाधान योजना के कार्यान्वयन पर यथासंभव तीव्र गति से काम कर रहे हैं। ताकि जल्द से जल्द हमारे आपरेशंस में आवश्यक स्थायित्व बहाल होने के साथ एयरलाइन के लिए एक स्थायी भविष्य सुनिश्चित किया जा सके।' लेकिन ये काफी जटिल प्रक्रियाएं हैं और इनमें हमारी उम्मीद से ज्यादा वक्त लगा है। इन हालात में हम केवल आपका दिसंबर, 2018 का बकाया वेतन दे पा रहे हैं।

दुबे ने कहा कि, 'पिछले कुछ महीनो से एयरलाइन जबरदस्त चुनौतियों से जूझ रही है। ऐसे में आपको किन परेशानियों, व्यग्रता तथा अनिश्चितता के दौर से गुजरना पड़ रहा है, उसे हम समझते हैं। हमें मालूम है कि इतने पैसों से आपकी वित्तीय कठिनाइयां दूर नहीं होंगी। इसलिए हम आपको तत्काल और पैसों के भुगतान के बाबत काम कर रहे हैं। जैसे ही पैसों का इंतजाम होगा, हम शेष लंबित वेतन के भुगतान के बारे में आपको सूचित करेंगे।'

जेट एयरवेज को कर्ज के जाल से उबारने के लिए स्टेट बैंक आफ इंडिया की अगुवाई वाले ऋणदाताओं के समूह ने पिछले सप्ताह जेट एयरवेज के चेयरमैन नरेश गोयल और उनकी पत्नी अनिता को बोर्ड से हटाकर एयरलाइन पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया था।

संचालन की जिम्मेदारी खुद एयरलाइंस की : सुरेश प्रभु
इस बीच विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने जेट एयरवेज के संकट पर कहा है कि किसी एयरलाइन को कुशलतापूर्वक चलाने और लाभदायक स्थिति में बनाये रखने की जिम्मेदारी स्वयं एयरलाइन की होती है। 


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