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पीएम मोदी जल्‍द कमांडरों के सम्मेलन को करेंगे संबोधित, पहली बार जवान भी लेंगे हिस्‍सा, जानें इसकी वजह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) इस हफ्ते के अंत में संयुक्त कमांडरों के सम्मेलन को संबोधित करेंगे। इस बार खास बात यह है कि पहली बार इस सम्‍मेलन में सशस्त्र बलों के जवान हिस्सा लेंगे। जानें इसकी वजह...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 05:49 PM (IST)Updated: Thu, 04 Mar 2021 01:16 AM (IST)
पीएम मोदी जल्‍द कमांडरों के सम्मेलन को करेंगे संबोधित, पहली बार जवान भी लेंगे हिस्‍सा, जानें इसकी वजह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस हफ्ते के अंत में संयुक्त कमांडरों के सम्मेलन को संबोधित करेंगे।

नई दिल्ली, एएनआइ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की अध्यक्षता में इस हफ्ते के अंत में होने वाली सैन्य कमांडरों की संयुक्त कांफ्रेंस में पहली बार सेनाओं के जवान भी शिरकत करेंगे। समाचार एजेंसी एएनआइ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अभी तक संयुक्त कमांडरों का सम्मेलन में केवल कमांडर-इन-चीफ स्‍तर के अधिकारी ही भाग लेते रहे हैं। सम्‍मेलन में कमांडर इन चीफ के संबंधित सेवा प्रमुखों भी शामिल होते थे जिन्‍हें प्रधानमंत्री संबोधित करते थे। इस सम्‍मेलन में सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा होती है।

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कांफ्रेंस में प्रधानमंत्री अपने संबोधन में देश की सुरक्षा को लेकर आसन्न चुनौतियों के बारे में और उनसे निपटने के बारे में अधिकारियों को बताते हैं। सरकारी सूत्रों ने बताया कि इस बार की कांफ्रेंस में सेनाओं की कार्यप्रणाली और अभियान संबंधी विभिन्न मुद्दों पर होने वाले विचार विमर्श में जवान भी हिस्सा लेंगे। सूत्रों ने यह भी बताया कि इस चर्चा में जवानों को शामिल किए जाने का सुझाव खुद प्रधानमंत्री कार्यालय से ही आया है। कांफ्रेस में भाग लेने वालों में जूनियर कमीशंड आफीसर और नान कमीशंड आफीसर शामिल होंगे। 

इन्हें चुनिंदा विषयों पर प्रेजेंटेशन भी देने होंगे। सूत्रों ने बताया कि बलों के कामकाज के मामले में जवानों की अंतर्दृष्टि बहुत काम आती है। सूत्रों के अनुसार हाल ही में चीन के साथ पैदा हुए गतिरोध दौरान सेना की कार्यप्रणाली को लेकर जवानों से बेहतर जानकारी मिली है। चाहे खाई खोदने का मामला हो या रक्षा प्रबंध का, जवानों ने ज्यादा उपयोगी सुझाव दिए। इसका उदाहरण हाल ही में भारत चीन संघर्ष के दौरान भी सामने आया था जब भारत के रणबांकुरों ने चीन के खिलाफ रक्षात्‍मक अभियान में खाइयां खोदने और डिफेंस बैरियर बनाने जैसे बहुमूल्‍य सुझाव दिए थे। 

एएनआइ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अब प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त कमांडरों के सम्मेलन के संचालन के पारंपरिक तरीके में बदलाव किया है। कमांडरों की कांफ्रेंस के संबंध में प्रधानमंत्री की पहल पर कई बदलाव देखने को मिले हैं। पहले यह बैठक साउथ ब्लाक में होती थी लेकिन अब यह सैन्य अड्डों पर भी होने लगी है। पीएम मोदी ने अपने कार्यकाल में 2014 में साउथ ब्लाक में पहली कांफ्रेंस को संबोधित किया था। उसके बाद से विमानवाहक पोत आइएनएस विक्रमादित्य, आइएमए देहरादून और जोधपुर एयरबेस पर भी यह वार्षिक आयोजन हो चुके हैं। 

इस बार कमांडर कांफ्रेंस गुजरात के केवडि़या में सरदार पटेल की विशाल प्रतिमा के समक्ष होगी। कांफ्रेंस की पूरी अवधि के दौरान सेना के शीर्ष अधिकारी और जवान कैंपों में ठहरेंगे। पिछले साल अक्‍टूबर महीने में सैन्य कमांडरों के चार दिवसीय सम्‍मेलन हुआ था जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने भाग लिया था। राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में चीन को सख्‍त संदेश देते हुए कहा था कि सेना के जवान एलएसी पर तब तक डटे रहेंगे जबतक कि गतिरोध खत्‍म नहीं हो जाता।


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