जावडेकर ने कहा नीट प्रश्नपत्रों के अनुवाद पर राज्यों को अब देना होगा हलफनामा
नीट (नेशनल इलिजबिलिटी कम इंट्रेंस टेस्ट) परीक्षा की खामियों को सुधारने के लिए सरकार ने कड़े कदम उठाए है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मेडिकल में प्रवेश के लिए होने वाली नीट (नेशनल इलिजबिलिटी कम इंट्रेंस टेस्ट) परीक्षा की खामियों को सुधारने के लिए सरकार ने कड़े कदम उठाए है। इसके तहत प्रश्न पत्र का जो राज्य अनुवाद कराएंगे, उन्हें इस बात का एक हलफनामा भी देना होगा कि यह पूरी तरह दुरुस्त होगा। यानि अनुवाद में किसी तरह की गड़बड़ी होती है, तो इसके लिए राज्य जिम्मेदार होंगे। यह व्यवस्था अगले साल से लागू होगी।
जावडेकर ने प्रश्नपत्रों में गड़बड़ी के सवाल पर राज्यसभा में दी जानकारी
नीट प्रश्न पत्रों की गलतियों को लेकर राज्यसभा में किए सवाल पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में पिछले साल ऐसी गड़बड़ी हुई थी। हालांकि यह मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है, इसलिए वह इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। लेकिन प्रश्नपत्रों में यह गड़बड़ी तमिल भाषा के अनुवाद के दौरान हुई थी।
तमिल में अनुवाद किए गए प्रश्नपत्रों में इस बार मिली थी काफी गलतियां
उन्होंने कहा कि मौजूदा व्यवस्था के तहत यदि कोई राज्य स्थानीय भाषा में परीक्षा कराना चाहता है, तो उसके लिए प्रश्न पत्र को स्थानीय भाषा में अनुवाद कराने की व्यवस्था है। इसके लिए राज्यों को ही अनुवादक देने होते है। नीट परीक्षा के दौरान भी ऐसा ही हुआ था, लेकिन गड़बडी के बाद राज्य अपनी जिम्मेदारी से मुकर गए थे। तमिलनाडु में पिछले साल हुई नीट परीक्षा में करीब 49 सवाल गलत पाए गए थे। सरकार ने इसके अलावा प्रश्न पत्र की गलतियों को रोकने के लिए एक्सपर्ट पैनल भी बनाने की तैयारी में है, जो प्रत्येक सवालों को गहराई से जांचेगी।