अभिनेता धर्मेंद्र की सलाह- जाटों आरक्षण छोड़ो
आजादी के बाद से आरक्षण देश के सबसे विवादित मसलों में से एक रहा है। राजनीति चमकाने के लिए इसका इस्तेमाल खूब किया जाता है। कइयों का मानना का है कि उसका आधार आर्थिक हो तो बहुतेरे आज भी जातिगत आरक्षण के समर्थन में ही हैं, पर अभिनेता धर्मेंद्र इससे
मुंबई, अमित कर्ण। आजादी के बाद से आरक्षण देश के सबसे विवादित मसलों में से एक रहा है। राजनीति चमकाने के लिए इसका इस्तेमाल खूब किया जाता है। कइयों का मानना का है कि उसका आधार आर्थिक हो तो बहुतेरे आज भी जातिगत आरक्षण के समर्थन में ही हैं, पर अभिनेता धर्मेंद्र इससे इत्तफाक नहीं रखते। धर्मेंद्र खुद जाट परिवार से ताल्लुक रखते हैं।
हाल में आरक्षण को जाट व गुर्जरों का आंदोलन काफी तेज रहा था। जब धर्मेंद्र से यह पूछा गया कि जाटों को आरक्षण की क्या दरकार तो उन्होंने जवाब दिया, 'मैं आरक्षण की अवधारणा के ही खिलाफ हूं। मैं उसमें नहीं पड़ता। लोग पता नहीं कब से रिजर्वेशन ही लिए जा रहे हैं। हर कोई मुंह उठाकर आरक्षण की मांग कर रहा है। किस बात का आरक्षण भई।
मुझे गुस्सा आता है कि किस बात की रिजर्वेशन भई! अरे आगे आओ, मेहनत करो। अपने हिस्से का सुख-चैन कमाओ। देश को आगे ले जाओ यार। या सदा भीखमंगे ही रहना है।
धर्मेंद्र ने दादा साहेब फाल्के अवार्ड के मसले पर भी अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की। वे कहते हैं, 'घर में ढेरों ट्रॉफियां, सम्मान पड़े हैं। उनके सामने से गुजरता हूं तो वे मुंह चिढ़ाते हैं। लगता है जैसे कह रहे हों कि यार इतनी गर्द चढ़ गई है हमपर.. कभी झाड़ भी तो दिया करो।