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Jammu Kashmir: SC ने SG तुषार मेहता से कहा, प्रतिबंधों पर उठ रहे हर सवाल का दें जवाब

Jammu Kashmir पीठ ने कहा है कि जम्मू कश्मीर में प्रतिबंधों को चुनौती देने वाली याचिकाओं में विस्तृत जानकारी दी गई है और SG को सवालों का जवाब देना होगा।

By Neel RajputEdited By: Published: Thu, 21 Nov 2019 01:40 PM (IST)Updated: Thu, 21 Nov 2019 02:01 PM (IST)
Jammu Kashmir: SC ने SG तुषार मेहता से कहा, प्रतिबंधों पर उठ रहे हर सवाल का दें जवाब
Jammu Kashmir: SC ने SG तुषार मेहता से कहा, प्रतिबंधों पर उठ रहे हर सवाल का दें जवाब

नई दिल्ली, जेएनएन। सुप्रीम कोर्ट में धारा 370 हटाए जाने के बाद जम्मू कश्मीर में लगाए गए प्रतिबंधों को लेकर सुनवाई चल रही है। प्रशासन की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि लोगों की सुरक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है। किसी भी शख्स के अधिकारों का हनन नहीं होना चाहिए, लेकिन संप्रभुता और अखंडता को खतरे में नहीं ड़ाला जा सकता है। बता दें कि जम्मू कश्मीर में इंटरनेट सेवा व अन्य प्रतिबंधों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई चल रही है।

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तीन सदस्यीय पीठ ने सॉलिसिटर जनरल से कहा कि आपको याचिकाकर्ताओं के हर सवाल का जवाब देना होगा। आपके जवाबों से हम असंतुष्ट हैं और आपके जवाबों से हम किसी नतीजे पर पहुंचने में सफल नहीं हुए हैं। न्यायमूर्ति एन वी रमन की नेतृत्व वाली पीठ ने तुषार मेहता से कहा है कि जम्मू कश्मीर में प्रतिबंधों को चुनौती देने वाली याचिकाओं में विस्तृत जानकारी दी गई है और उन्हें सवालों का जवाब देना होगा।

तुषार मेहता ने अदालत में कहा कि प्रतिबंधों पर याचिकाकर्ताओं ने ज्यादातर बात गलत कही हैं जिनका वह बहस के दौरान जवाब देंगे। उन्होंने आगे कहा कि उनके पास मामले की स्थिति की रिपोर्ट है लेकिन अभी वह रिपोर्ट अदालत में दाखिल नहीं करना चाहते हैं। जम्मू कश्मीर में हर दिन स्थिति बदल रही है इसलिए रिपोर्ट दाखिल करते समय मैं वास्तविक ब्यौरा देना चाहता हूं। सॉलिसीटर जनरल ने कहा, 'अह जम्मू कश्मीर के स्कूल फिर से खोल दिए गए हैं, वहीं 917 स्कूल अनुच्छेद 370 रद होने के बाद कभी भी बंद नहीं किए गए थे।'

मामले की सुनवाई की शुरूआत में पीठ ने स्पष्ट किया, 'जम्मू कश्मीर के मामले में अदालत सिर्फ अनुराधा भसीन और गुलाम नबी आजाद द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है, जो आवाजाही की स्वतंत्रता और प्रेस आदि से जुड़ी है। हम यहां किसी हिरासती मामले की सुनवाई नहीं कर रहे हैं।'


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