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Jammu-Kashmir: गैर मुस्लिमों और प्रवासी मजदूरों की हत्या करने वाले हाइब्रिड आतंकियों की जानकारी जुटाना नई चुनौती

जम्मू-कश्मीर पर नजर रखने वाले सुरक्षा एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार पिछले तीन दशकों से जम्मू-कश्मीर में सारा जोर आतंकी गतिविधियों के बारे में खुफिया जानकारी जुटाना रहा है और उसमें हम काफी हद तक सफल भी रहे।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Mon, 18 Oct 2021 09:56 PM (IST)Updated: Mon, 18 Oct 2021 10:02 PM (IST)
Jammu-Kashmir: गैर मुस्लिमों और प्रवासी मजदूरों की हत्या करने वाले हाइब्रिड आतंकियों की जानकारी जुटाना नई चुनौती
जम्मू-कश्मीर में चुन-चुनकर गैर मुस्लिमों और प्रवासी मजदूरों की हत्या (फाइल फोटो)

नीलू रंजन, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में चुन-चुनकर गैर मुस्लिमों और प्रवासी मजदूरों की हत्या करने वाले हाइब्रिड आतंकियों के बारे में खुफिया जानकारी जुटाना बड़ी चुनौती साबित हो रही है। जम्मू-कश्मीर पर नजर रखने वाले सुरक्षा एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार पिछले तीन दशकों से जम्मू-कश्मीर में सारा जोर आतंकी गतिविधियों के बारे में खुफिया जानकारी जुटाना रहा है और उसमें हम काफी हद तक सफल भी रहे। लेकिन इस क्रम में स्थानीय स्तर पर आम लोगों की गतिविधियों के बारे में खुफिया जानकारी जुटाने का काम पीछे छूट गया। अब इस पर काम शुरू कर दिया गया है।

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पैसे देकर सामान्य युवाओं का निर्दोष लोगों की हत्या के लिए इस्तेमाल कर रहे आतंकी संगठन

वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार हाइब्रिड आतंकियों के बारे में खुफिया जानकारी जुटाने में सबसे बड़ी समस्या यह है कि उनका कोई पिछले अपराध या आतंक का रिकार्ड नहीं है। यहां तक कि उनका रिकार्ड ओवर ग्राउंड वर्कर्स की सूची में भी नहीं है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी संगठन में शामिल होने वाले हर युवा का रिकार्ड मौजूद है और उनकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए टेक्नीकल और ह्यूमन इंटेलीजेंस दोनों जुटाए जाते हैं। खुफिया जानकारी के आधार पर बड़े पैमाने पर आतंकियों के सफाए में सफलता मिली है। लेकिन हाइब्रिड आतंकी ऐसा आतंकी है, जो आतंकी संगठन में शामिल नहीं हो रहा है और सिर्फ पैसे लेकर आतंकियों के इशारे पर हत्या कर रहा है। अभी तक मिली जानकारी के अनुसार ऐसे आतंकियों को हत्या के लिए 10 हजार रुपये और पिस्तौल दिए जाते हैं और हत्या के बाद उनसे पिस्तौल वापस ले लिया जाता है।

हार्डकोर आतंकियों के बारे में जानकारी जुटाने पर है खुफिया एजेंसियों का जोर

गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हाइब्रिड आतंकी एक चुनौती के रूप में सामने आए हंै और उनसे निपटने के लिए तैयारी भी शुरू हो गई है। इसके तहत आतंकरोधी अभियान में सामान्य कानून-व्यवस्था वाले अनुभवी अधिकारियों को शामिल किया गया है। वहीं जम्मू-कश्मीर पुलिस भी स्थानीय स्तर पर ऐसे युवाओं की गतिविधियों की जानकारी जुटाने के लिए अपने खुफिया तंत्र को दुरुस्त करने में जुटी है। इसके अच्छे संकेत मिलने भी शुरू हो गए हैं और बेहतर खुफिया जानकारी मिलने लगी है। इसके साथ केंद्र से खुफिया विभाग और अर्धसैनिक बलों के अनुभवी अधिकारियों को जम्मू-कश्मीर भेजा गया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले कुछ दिनों में इससे निपटने की क्षमता तैयार कर ली जाएगी।


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