Jammu Bus Stand Blast: 50 हजार के लिए यासीर जावेद ने किया था ग्रेनेड हमला
जम्मू बस स्टैंड में ग्रेनेड हमला करने वाले आतंकी यासीर जावेद बट्ट ने पूछताछ में माना है कि उसे धमाका करने के लिए हिजबुल मुजाहिद्दीन ने पचास हजार रुपये दिए थे।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। जम्मू बस स्टैंड में ग्रेनेड हमला करने वाले आतंकी यासीर जावेद बट्ट ने पूछताछ में माना है कि उसे धमाका करने के लिए हिजबुल मुजाहिद्दीन ने पचास हजार रुपये दिए थे। हालांकि, पुलिस यासीर से अभी पैसे बरामद नहीं कर पाई है। पुलिस महानिरीक्षक (आइजीपी) जम्मू एसके सिन्हा ने गुरुवार को यासीर को पकड़ने के बाद कहा था कि उसे हिज्ब के जिला कमांडर फारूक अहमद ने हमला करने के लिए भेजा था। ग्रेनेड भी फारूक ने ही यासीर को दिया था। इस हमले में दो लोगों की मौत व 34 घायल हो गए थे।
टिफिन में बिरयानी में छिपाकर लाया था ग्रेनेड
आतंकी यासीर श्रीनगर से बुधवार शाम को जम्मू के लिए रवाना हुआ था। वह पहली बार जम्मू आया था। उसने बैग में कपड़े और खाने के लिए टिफिन के एक डिब्बे में बिरयानी डाली थी। उसी टिफिन के एक डिब्बे में उसने ग्रेनेड भी छिपा रखा था।
यासिर ने जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर पुलिस कर्मियों को गच्चा देने के लिए ऐसा किया था। यासीर ने पुलिस को बताया कि अगर सुरक्षाकर्मी उसके सामान या खाने के डिब्बे की जांच करते तो भी वह ग्रेनेड का पता नहीं लगा सकते थे। इस तरह वह बड़ी आसानी से ग्रेनेड के साथ जम्मू बस स्टैंड पहुंच गया।
घर बोलकर आया था, काम की तलाश में जा रहा हूं
यासीर ने अपने घरवालों को बताया था कि वह जम्मू में काम की तलाश में जा रहा है। एक दो दिन में वह लौट आएगा। यासीर के विरुद्ध सुराग जुटाने के लिए जम्मू पुलिस की एक टीम को कुलगाम भी रवाना किया जाएगा।
परिजनों ने कहा नाबालिग है, एसएसपी-बोले कोई सुबूत नहीं
ग्रेनेड धमाका करने वाले आतंकी यासीर के परिजनों ने दावा किया है कि वह नाबालिग है। उसका जन्म 2003 में हुआ है, जिसके चलते उसके साथ रियायत बरती जानी चाहिए। वहीं, एसएसपी जम्मू तेजेंद्र सिह ने कहा कि यासिर के नाबालिग होने के पुलिस को कोई सुबूत नहीं मिले हैं, जिस कारण उससे सामान्य आरोपित जैसे ही पूछताछ की जाएगी।
आपराधिक रिकॉर्ड जुटा रही पुलिस
जम्मू पुलिस ने कुलगाम पुलिस से आतंकी यासीर के आपराधिक रिकार्ड के बारे जानकारी हासिल की। कुलगाम पुलिस ने जम्मू पुलिस को बताया कि यासीर पहले किसी आतंकी वारदात में शामिल नहीं रहा है। हालांकि उसका साथ कुछ ऐसे युवकों के साथ रहा है जो पत्थरबाजी में संलिप्त रहे हैं। उन्हीं युवकों ने इसे हिज्ब के कुलगाम जिला कमांडर फारूक अहमद बट्ट से मिलवाया था। फारूक अहमद ने ही उसे आतंक की राह पर चलने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद यासीर जम्मू में बम धमाका करने के लिए मान गया।
एक और घायल ने दम तोड़ा
जम्मू बस स्टैंड में वीरवार को हुए ग्रेनेड धमाके में घायल एक और युवक ने दम तोड़ दिया। इसके साथ ही हमले में मरने वाले लोगों की संख्या दो हो गई है। वहीं, 31 घायलों का उपचार गर्वनमेंट मेडिकल कॉलेज चल रहा है। इनमें से चार की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है।