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जम्मू-कश्मीरः छ़ुट्टी पर आए एक और पुलिसकर्मी को अातंकियों ने मौत के घाट उतारा

सुरक्षा एजेंसियों ने इसके लिए हिज्बुल आतंकी जहूर ठोकर को जिम्मेदार ठहराया है। जहूर सेना का एक भगौड़ा है जो पिछले साल आतंकी बना था।

By Vikas JangraEdited By: Published: Sat, 21 Jul 2018 06:30 PM (IST)Updated: Sat, 21 Jul 2018 06:43 PM (IST)
जम्मू-कश्मीरः छ़ुट्टी पर आए एक और पुलिसकर्मी को अातंकियों ने मौत के घाट उतारा
जम्मू-कश्मीरः छ़ुट्टी पर आए एक और पुलिसकर्मी को अातंकियों ने मौत के घाट उतारा

श्रीनगर [राज्य ब्यूरो]। दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में अपने घर छुट्टि बिताने घर आए एक पुलिसकर्मी की शनिवार को आतंकियों ने अपहरणके बाद हत्या कर दी। फिलहाल,किसी आतंकी संगठन इस वारदात की जिम्मेदारी नहीं ली है। लेकिन संबधित सुरक्षा एजेंसियों ने इसके लिए हिज्बुल आतंकी जहूर ठोकर को जिम्मेदार ठहराया है। जहूर सेना का एक भगौड़ा है जो पिछले साल आतंकी बना था। 

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यहां मिली जानकारी के अनुसार, कुलगाम के मुतलहामा गांव में बीती रात स्वचालित हथियारों से लैस तीन से चार आतंकी आए। आतंकियों ने अब्दुल गनी शाह के मकान की निशानदेही की और भीतर दाखिल हो गए। बताया जाता है कि आतंकियों ने अब्दुल गनी व उसके परिवार के सभी सदस्यों को एक जगह जमा किया और फिर उसके पुत्र मोहम्मद सलीम शाह को अपने साथ चलने को कहा। सलीम शाह राज्य पुलिस में कांस्टेबल है। वह कुछ समय पहले ही एसपीओ से बतौर कांस्टेबल नियमित हुआ है। 

अब्दुल गनी व परिवार के अन्य सदस्यों ने आतंकियों का प्रतिरोध किया,लेकिन आतंकियों ने सभी को जान से मारने की धमकी देते हुए चुप रहने को कहा। उन्होंने कहा कि वह मोहम्मद सलीम शाह को पूछताछ के बाद रिहा कर देंगे। इसके बाद आतंकी उसे अपने साथ ले गए । मोहम्मद सलीम चंद दिन पहले ही छुट्टि लेकर घर आया था। 

पुलिसकर्मी को अगवा किए जाने की खबर मिलते ही सेना,पुलिस और सीआरपीएफ के एक संयुक्त कार्यदल ने पूरे इलाके की घेराबंदी करते हुए तलाशी अभियान चलाया। लेकिन मोहम्मद सलीम का कोई सुराग नहीं मिला।अलबत्ता, आज दोपहर साढ़े तीन बजे के करीब कोयमू के पास स्थित ओडीपोरा घाट में स्थानीय लोगों ने उसका गोलियों से छलनी शव देखा और पुलिस को सूचित किया।

सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और उसने मोहम्मद सलीम शाह का शव अपने कब्जे में लिया। पोस्टमार्टम के बाद शहीद पुलिसकर्मी का शव उसके परिजनों के हवाले कर दिया गया है। यहां यह बताना असंगत नहीं होगा कि गत रोज ही हिजबुल मुजाहिदीन ने त्राल में पोस्टर जारी कर सभी एसपीओ को 15 दिनों में पुलिस की नौकरी छोड़ने का फरमान सुनाया है।  

सवा महीने में तीसरी हत्या
देखने में आ रहा है कि अब जम्मू कश्मीर पुलिस के जवान भी आतंकियों का निशाना बन रहे हैं। पिछले लगभग सवा महीने में जम्मू पुलिस के तीसरे जवान की हत्या है। सबसे पहले ईद की छुट्टियों पर घर जा रहे, पुलिस जवान औरंगजेब की अगवा कर हत्या कर दी गई। इसके बाद 5 जुलाई को अगवा कर जावेद अहमद डार की अगवा कर हत्या कर दी गई। और अब मोहम्मद सलीम आतंकियों का शिकार बने हैं। 


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