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जम्मू कश्मीर: पूर्व मंत्रियों-नेताओं और नौकरशाहों से सरकारी बंगले खाली कराने के निर्देश

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने दो सप्ताह में अवैध कब्जों की रिपोर्ट मांगी है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Wed, 12 Feb 2020 09:21 AM (IST)Updated: Wed, 12 Feb 2020 09:21 AM (IST)
जम्मू कश्मीर: पूर्व मंत्रियों-नेताओं और नौकरशाहों से सरकारी बंगले खाली कराने के निर्देश
जम्मू कश्मीर: पूर्व मंत्रियों-नेताओं और नौकरशाहों से सरकारी बंगले खाली कराने के निर्देश

जेएनएफ, जम्मू। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने राज्य प्रशासन को पूर्व मंत्रियों, नेताओं और नौकरशाहों से सरकारी बंगले खाली करवाने का निर्देश दिया है। बेंच ने कहा कि श्रीनगर व जम्मू में ए, बी और सी श्रेणी के जितने भी सरकारी बंगलों और क्वार्टरों पर अवैध कब्जा है, उनका दो सप्ताह के भीतर विवरण दिया जाए और तत्काल खाली करवाए जाएं।

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बेंच ने वैध और अवैध किरायेदारों से सारा बकाया किराया वसूलने का निर्देश देते हुए कहा कि इसके लिए अगर जमीन राजस्व कानून लागू करना पड़े, तो किया जाए। मोहम्मद यासीन शाह की ओर से दायर एक जनहित याचिका में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में जस्टिस अली मोहम्मद मागे्र व जस्टिस डीएस ठाकुर ने एस्टेट विभाग के प्रमुख सचिव को निर्देश दिए कि वह अब तक खाली करवाए गए ए, बी व सी श्रेणी के सरकारी बंगलों व क्वार्टरों की पूरी रिपोर्ट अगली सुनवाई तक पेश करें।

बेंच ने कहा कि प्रमुख सचिव दो सप्ताह के भीतर यह भी रिपोर्ट दें कि श्रीनगर व जम्मू में किन पूर्व मंत्रियों, विधायकों, नेताओं व सेवानिवृत्त अधिकारियों ने सरकारी बंगलों-क्वार्टरों पर कब्जा कर रखा है।

सरकारी बंगलों पर अवैध कब्जे को लेकर HC ने केंद्र को फटकारा

दिल्ली उच्च न्यायालय ने 576 सरकारी आवासों में सेवानिवृत्त अधिकारियों और पूर्व सांसदों के गैरकानूनी रूप से रहने पर बुधवार (5 फरवरी) को आवास मंत्रालय को फटकार लगाई और केंद्र को उन्हें दो सप्ताह के भीतर खाली कराने का निर्देश दिया। दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी.एन. पटेल और न्यायमूर्ति सी. हरि शंकर की पीठ ने कई वर्षों से सरकारी आवासों पर अवैध कब्जे को ''साजिश" के समान बताया।

पीठ ने सरकार को अवैध निवासियों पर बकाया लाखों रुपए की वसूली का भी निर्देश दिया। अदालत ने ऐसे अवैध कब्जाधारकों के खिलाफ वसूली शुरू नहीं करने पर मंत्रालय को फटकार लगाई। कई लोग तो एक दशक से भी अधिक समय से इन आवासों में रह रहे हैं और आज की तारीख तक उन पर 95 लाख रुपए से भी अधिक बकाया हैं।


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