जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सतपाल मलिक ने किया फोन तो 'बे-दाग' हो गए एएमयू में कश्मीरी छात्र !
आतंकी मन्नान वानी के मारे जाने के बाद 11 अक्टूबर को एएमयू के केनेडी हॉल के लॉन में जमे कश्मीरी छात्रों ने क्या किया? यह प्रॉक्टोरियल टीम से बेहतर कोई नहीं जान सकता।
अलीगढ़ (जेएनएन)। आतंकी मन्नान वानी के मारे जाने के बाद 11 अक्टूबर को एएमयू के केनेडी हॉल के लॉन में जमे कश्मीरी छात्रों ने क्या किया? यह प्रॉक्टोरियल टीम से बेहतर कोई नहीं जान सकता। टीम ने ही छात्रों को जनाजे की नमाज पढऩे से रोका था? हाथापाई तक हुई। इंतजामिया ने इसके बाद ही शोधार्थी वसीम अयूब मलिक व अब्दुल हसीद मीर को निलंबित किया था। छात्रों के निलंबन व उन पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज होने से अलीगढ़ से लेकर कश्मीर तक हंगामा खड़ा हो गया था। कश्मीर में भी विरोध प्रदर्शन हुए। जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सतपाल मलिक व केंद्र की इस पर नजर थी। उनके दखल के बाद ही छात्रों का निलंबन वापस होना माना जा रहा है। एएमयू पर इसे लेकर दबाव में भी था।
मानव संसाधन मंत्री को भी किया फोन
एएमयू विवाद के गहराने के बाद जम्मू-मीर के राज्यपाल सतपाल मलिक ने मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावेडकर से बात कर यह सुनिश्चित करने को कहा कि एएमयू में पढऩे वाले कश्मीरी छात्रों की पढ़ाई बाधित न होने पाए। एएमयू कुलपति प्रो. तारिक मंसूर से भी बात की। राज्यपाल ने तत्काल इस मामले में हस्तक्षेप करने को कहा ताकि वहां अध्ययनरत कश्मीरी छात्रों को सुरक्षित माहौल मिल सके। कुलपति के पास एल्युमिनाई मीट के बाद उनका फोन आया था। कुलपति ने सफाई दी कि देशद्रोह का मुकदमा एएमयू ने नहीं, पुलिस ने लिखाया है। एएमयू किसी छात्रों को परेशान नहीं कर रहा है। कुलपति ने बताया भी कि राज्यपाल से बात हुई है। कुलपति ने निलंबन वापसी के संकेत तभी दे दिए थे। वैसे फैक्ट फाइंडिंग कमेटी में शामिल डिप्टी प्रॉक्टर प्रो. महमूद एस खान, असिस्टेंट प्रॉक्टर प्रो. मोहसिन व असिस्टेंट प्रॉक्टर प्रो. राशिद उमर को 15 अक्टूबर तक रिपोर्ट देनी थी। उन्होंने एक दिन बाद 16 अक्टूबर की शाम रिपोर्ट इंतजामिया को सौंप दी।
देशद्रोह का केस खत्म न हुआ तो छोड़ देंगे एएमयू
पूर्व छात्र संघ उपाध्यक्ष सज्जाद सुभान रॉथर ने कहा कि जांच से साबित हो गया कि छात्रों को गलत तरीके से निलंबित किया गया था। अब हम 17 अक्टूबर को एएमयू छोड़कर नहीं जा रहे हैैं। पुलिस को बुधवार का समय दिया है, अगर छात्रों से राष्ट्रद्रोह का केस वापस नहीं लिया तो गुरुवार को कश्मीरी छात्र कैंपस छोड़ देंगे।
एफआइआर के पीछे होंगे पुलिस के पास आधार : रिजवान अहमद
एल्युमिनाई मीट के मुख्य अतिथि व यूपी के पूर्व डीजीपी रिजवान अहमद ने कश्मीरी छात्रों पर दर्ज हुए देशद्रोह के केस पर कहा कि कोर्ट ऑफ एक्शन पर टीका-टिप्पणी उचित नहीं है। कानून अपना रास्ता खुद बनाएगा। कुलपति से इस पर बात हुई है, वह छात्रों की शिकायतें सुन रहे हैं। अच्छा रास्ता निकलेगा। रिपोर्ट लिखने के पीछे पुलिस के पास अपने आधार होंगे।
जनाजे की नमाज पढऩा राष्ट्र विरोधी नहीं : शाही
कश्मीरी छात्रों के साथ गैर कश्मीरी छात्राएं भी पहुंचीं। एमए इंटरनेशनल रिलेशन की छात्रा रौनक शाही ने कहा कि जनाजे की नमाज राष्ट्रविरोधी नहीं है। न तो उस दिन नमाज पढ़ी गई और न ही देश विरोधी नारे लगे। हाथापाई का आरोप भी झूठा है। एएमयू शिक्षा का केंद्र है, इसे राजनीति का मंच नहीं बनाना चाहिए। बाहरी लोग राजनीति कर माहौल खराब कर रहे हैं।
दोपहर तक जमे रहे कश्मीरी, मुंह पर टेप भी लगाया
निलंबन वापसी की मांग को लेकर कश्मीरी छात्र दोपहर बाद तक केनेडी हॉल के सामने जमे रहे। सज्जाद सुभान रॉथर समेत कुछ छात्रों ने मुंह पर काली टेप भी लगा रखी थी। मीडिया कर्मियों के कहने पर ही बातचीत को तैयार हुए।