जम्मू-कश्मीर के डीजीपी का आदेश, आतंकियों और उनके आकाओं को ढूंढ-ढूंढ़ कर मारो
कश्मीर की मौजूदा कानून व्यवस्था और आतंकरोधी अभियानों पर चर्चा के दौरान डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि कानून सर्वाेपरि है।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने घाटी में सक्रिय आतंकियों के सफाए के लिए आतंकरोधी अभियानों में तेजी लाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि आतंकियों और उनके आकाओं को ढूंढ-ढूंढ कर मारो।
डीजीपी ने कहा कि शांति व्यवस्था भंग करने वालों, राष्ट्रविरोधी और अलगाववादी तत्वों से सख्ती से निपटा जाए। कानून व्यवस्था की स्थिति में आम नागरिकों के जानमाल और सम्मान की सुरक्षा को सुनिश्चित बनाया जाए। दिलबाग सिंह ने पुलिस नियंत्रण कक्ष में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की अतिरिक्त कंपनियों को हटाए जाने से उपजी स्थिति के बीच वादी के समग्र सुरक्षा परिदृश्य का जायजा लिया।
कानून है सर्वोपरि: डीजीपी
बैठक में कश्मीर की मौजूदा कानून व्यवस्था और आतंकरोधी अभियानों पर चर्चा के दौरान डीजीपी ने कहा कि कानून सर्वाेपरि है। इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। आतंकी सरगनाओं और सीमा पार बैठे उनके आकाओं की साजिश को नाकाम बनाया जाए। उन्होंने कहा कि बेशक जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ हम सफल रहे हैं, लेकिन आतंकियों के खिलाफ हमें अपने अभियान जारी रखने की जरूरत है। आतंकियों के समूल नाश और जम्मू-कश्मीर में स्थायी शांति की बहाली के लिए प्रभावशाली रणनीति पर काम करने की जरूरत है। किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए पुलिस कर्मियों व अधिकारियों की ट्रे¨नग में भी व्यापक सुधार किया गया है। यह प्रक्रिया लगातार जारी है।
नागरिकों न हो कोई असुविधा: डीजीपी
पुलिस महानिदेशक ने कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने में जन सहयोग की भूमिका का जिक्र करते हुए कहा कि अधिकारी इस बात को सुनिश्चित बनाएं कि नागरिकों को कोई असुविधा न हो। सुरक्षा, शांति और विश्वास का माहौल बनाए रखने के लिए पुलिस को कम्यूनिटी आधारित कार्यक्रमों को प्राथमिकता देनी चाहिए।
बैठक में एडीजीपी सीआइडी डॉ. बी श्रीनिवास, आइजीपी कश्मीर एसपी पाणि, डीआइजी सेंट्रल कश्मीर रेंज वीके बिरदी, डीआइजी उत्तरी कश्मीर रेंज सुलेमान चौधरी, सभी जिला एसएसपी, एसएसपी एसबीके, एससपी सीआइके, एसपी ऑपरेशन श्रीनगर व अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल हुए।