Move to Jagran APP

ट्रिपल तलाक कानून को जमीयत उलेमा-ए हिन्द ने सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती

काफी मुश्किलों के बाद केंद्र सरकार ने ट्रिपल तलाक को खत्म कर दिया था लेकिन अब जमीयत उलेमा- ए हिन्द ने सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले को चुनौती दी है।

By Pooja SinghEdited By: Published: Thu, 22 Aug 2019 05:13 PM (IST)Updated: Thu, 22 Aug 2019 05:36 PM (IST)
ट्रिपल तलाक कानून को जमीयत उलेमा-ए हिन्द ने सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती
ट्रिपल तलाक कानून को जमीयत उलेमा-ए हिन्द ने सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती

नई दिल्ली, प्रेट्र। जमीयत उलेमा -ए हिन्द संगठन ने सुप्रीम कोर्ट में ट्रिपल तलाक पर नए कानून को चुनौती दी है। हाल ही में नरेंद्र मोदी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं को ट्रिपल तलाक के खौफ से आजादी दिलाने के लिए यह बिल पेश किया और संसद के दोनों सदनों ने इसे पास कर करवाया। संसद से कानून पास होने से मुस्लिम महिलाओं के चेहरे पर खुशी की लहर आ गई थी। भारतीय कानून के हिसाब से अब मुस्लिम सुमदाय में कोई भी पति अपनी पत्नी को महज तीन बार तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) बोलने पर नहीं छोड़ सकता है। 

prime article banner

कानून की संवैधानिकता पर सवाल
जमीयत ने ट्रिपल तलाक को लेकर हाल ही में संसद से पास हुए मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) कानून की संवैधानिकता पर सवाल उठाया है। 

क्या है जमीयत उलेमा- ए हिन्द संगठन 
जमीयत उलेमा-ए-हिंद संगठन को जमीयत उलमा-ए हिंद भी कहा जाता है। यह संगठन भारतीय इस्लामी विद्ववानों का एक संगठन है। इसकी स्थापना कई मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मिलकर की है।

ट्रिपल तलाक का कट्टरपंथी मुस्लिम समुदाय ने किया था विरोध
ट्रिपल तलाक कानून के पास होने से पहले भी इस को खत्म करने के लिए काफी कट्टरपंथी समुदाय के लोगों ने विरोध किया, लेकिन लंबे विरोध के बाद भी इस कानून को पास करके सरकार ने मुस्लिम महिलाओं को उनका हक दिलाया। 

Tripple Talaq : उलमा बोले, घर में सुलझाएं मियां-बीवी के मसले Bareilly News


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.