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Jallikattu Competition Video: मदुरै में जारी है 'जल्लीकट्टू', प्रतियोगिता के दौरान 2 खिलाड़ी व एक पुलिसकर्मी घायल

Jallikattu competition in Tamilnadu दशकों पुरानी तमिलनाडु में जल्लीकट्टू प्रतियोगिता का आयोजन इस साल भी किया गया। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण कुछ पाबंदियों के साथ 14 जनवरी गुरुवार को हर साल की तरह इस बार भी पोंगल के मौके पर इस खेल की शुरुआत हुई।

By Monika MinalEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 11:00 AM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 12:47 PM (IST)
Jallikattu Competition Video: मदुरै में जारी है 'जल्लीकट्टू', प्रतियोगिता के दौरान 2 खिलाड़ी व एक पुलिसकर्मी घायल
Jallikattu competition: मदुरै में जारी है पारंपरिक आयोजन

 मदुरै, एएनआइ। तमिलनाडु (Tamil Nadu) के मदुरै (Madurai)  स्थित पालामेडु में जल्लीकट्टू प्रतियोगिता (Jallikattu competition) जारी है। इसमें शामिल होने वाले दो खिलाड़ी और एक पुलिसकर्मी जख्मी हो गए। इन्हें पालामेडुु अस्पताल में भर्ती किया गया है। राज्य में कोरोना वायरस के कारण फैली महामारी के मद्देनजर कुछ पाबंदियों के साथ जल्लीकट्टू का आयोजन किया गया है।

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आयोजन के पहले दिन 14 जनवरी, गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी इसमें शामिल हुए और तमिल संस्कृृृृति की सराहना के साथ कहा कि देश में इसे सम्मान की आवश्यकता है। इसके अलावा इस आयोजन में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत भी शामिल हुए। मोहन भागवत ने चेन्नई में पोंगल का त्योहार मनाया और गाय की पूजा की।

तीन दिनों तक आयोजित होने वाले जलीकट्टू के जल्ली/सल्ली का अर्थ होता है 'सिक्का' और कट्टू का मतलब 'बांधा हुआ' होता है। सांडों के सींग में कपड़ा बंधा होता है जिसे खिलाड़ी को पुरस्कार राशि पाने के लिए निकालना होता है। इसमें क्षेत्र के सबसे बूढ़े सांड़ का इस्तेमाल किया जाता है। गांव के प्रतीक माने जाने वाले इन सांडों को कोई नहीं पकड़ता।

वर्ष 2018 में इस प्रतियोगिता  इस खेल से हुई मौतों को लेकर बड़ा बवाल मचा था। यहां तक की सुप्रीम कोर्ट ने इस खेल पर प्रतिबंध तक लगा दिया था, जिसके बाद राज्‍य सरकार ने केंद्र से अध्‍यादेश लाकर इसपर कानून बनाने तक की बात कही थी। 

इस पारंपरिक खेल का आयोजन फसलों की कटाई के मौके पर पोंगल के समय आयोजित किया जाता है। इस खेल में इस्तेमाल किए जाने वाले सांड़ों की सींग में सिक्के या नोट फंसा  उन्हें भड़काकर भीड़ में छोड़ दिया जाता है, ताकि लोग सींगों से पकड़कर उन्हें काबू में करें। सांड़ों को भड़काने के लिए उन्हें शराब पिलाने से लेकर उनकी आंखों में मिर्च डालने और उनकी पूंछों को मरोड़ा तक जाता है, ताकि वे तेज दौड़ सकें।


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