क्या रंग लाएगी मातोश्री में हुई उद्धव और अमित शाह की मुलाकात
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने आज मुंबई में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। इस मौके पर देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद थे। राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर यह मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है।
नई दिल्ली (स्पेशल डेस्क)। देशभर में किसानों की कर्जमाफी को लेकर हो रहे हो हल्ले के बीच आज मुंबई में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बीच अहम मुलाकात हो गई है। राष्ट्रपति चुनाव से पहले होने वाली इस मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा था। हालांकि भाजपा ने इस चुनाव में अपने उम्मीद्वार के रूप में अभी किसी का नाम आगे नहीं किया है, वहीं दूसरी ओर शिवसेना की तरफ से कृषि वैज्ञानिक स्वामीनाथन का नाम आगे कर दिया गया है। इसके अलावा बीते कुछ समय में शिवसेना भाजपा पर काफी हमलावर होती दिखाई दी है। मातोश्री में हुई इस मुलाकात से मुमकिन है दोनों पार्टियों के बीच दिखाई देने वाली तल्खी को खत्म हो जाएं। यदि ऐसा होता है तो इसका असर साफतौर पर राष्ट्रपति चुनाव पर दिखाई देगा। यहां पर यह बात बता देनी जरूरी होगी कि शाह इन दिनों राज्य के दौरे पर है, लिहाजा यह मुलाकात इसका ही एक हिस्सा है।
दैनिक जागरण की स्पेशल डेस्क से शाह और उद्धव की मुलाकात पर बात करते हुए रामटेक से शिवसेना सांसद क्रुपाल तुमाने ने दोनों पार्टियों के बीच किसी भी नाराजगी से इंकार करते हुए कहा कि सरकार केंद्र और राज्य सरकार के साथ मिलकर काम कर रही है। उनका कहना था कि नाराजगी सिर्फ मीडिया की बनाई हुई है हकीकत में ऐसा कुछ भी नहीं है। इस बातचीत के दौरान उन्होंने महाराष्ट्र सरकार की तारीफ भी की है। उनका कहना था कि कुछ मुद्दों पर दोनों ही पार्टियों की राय जरूर अलग है लेकिन नाराजगी नहीं है। शिवसेना ने समय-समय पर अपनी बात भाजपा तक पहुंचाई भी है और जरूरत पड़ने पर अपनी बात उनके समक्ष रखी भी है। उन्होंने कहा कि हर पार्टी की अपनी एक विचारधारा होती है।
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शिवसेना की विचारधारा शुरू से ही हिंदुत्व और किसानों के साथ चलने की रही है। महाराष्ट्र में कर्ज माफी के मुद्दे पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि शिवसेना ने विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान जनता को यह वचन दिया था कि यदि राज्य में उनकी सरकार बनी तो किसानों का कर्जमाफ किया जाएगा। इस विषय पर भाजपा पर हमलावर होने के विषय में उन्होंने कहा कि शिवसेना ने सिर्फ अपनी बात रखी है। उनका यह भी कहना था कि शिवसेना वह पार्टी है कि जब राज्य में उनकी पार्टी के मुरली मनोहर जोशी मुख्यमंत्री थे तब भी शिवेसना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे ने कहा था कि यदि राज्य सरकार ने लोगों के हक की बात नहीं की तो वह अपने ही मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा निकालने से नहीं चूकेगी।
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